लोहता : एक साथ जलकर राख हुआ यूपी पुलिस कांस्टेबल का पूरा परिवार
दादा की कब्र के बगल में दफनाए गए पांच जनाजे; गांव में कोहराम

वाराणसी (जनवार्ता)। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर बुधवार दोपहर हुआ दिल दहला देने वाला सड़क हादसा उत्तर प्रदेश पुलिस के कांस्टेबल जावेद अशरफ सिद्दीकी के लिए जीवन की सबसे बड़ी त्रासदी बन गया। उनकी पत्नी चांदनी उर्फ गुलफ्शा (30) और चार मासूम बच्चे समरीन (12), जियान (10), इलमा (6) तथा इस्मा (4) कार में ही जिंदा जलकर मर गए।

हादसा बाराबंकी के पास लखनऊ से करीब 59 किमी दूर दोपहर साढ़े दो बजे हुआ। मऊ से लखनऊ जा रही गाजियाबाद नंबर की वैगनआर कार (जिसमें सीएनजी किट लगी थी) में पूरा परिवार सवार था और चांदनी का भाई जीशान ड्राइव कर रहा था। अचानक आगे खड़ी दिल्ली नंबर की ब्रेज़ा कार ने पीछे से जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर के झटके से वैगनआर का सीएनजी सिलेंडर फट गया और दोनों गाड़ियाँ आग का गोला बन गईं। फायर ब्रिगेड पहुंची तब तक वैगनआर में सवार पाँचों लोग जलकर खाक हो चुके थे। जले हुए शव 20 मीटर तक बिखर गए थे।
ब्रेज़ा कार में दिल्ली के दक्षिणपुरी निवासी दीपांशु मिश्रा (24) और उनकी तीन बहनें दीति (16), तृप्ति (17) व प्रगति (23) सवार थे। सभी गंभीर रूप से घायल हैं, जिनमें से दीति की हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है।
सबसे दर्दनाक संयोग यह कि कांस्टेबल जावेद के पिता मंज़ाद खान की मौत महज 18 दिन पहले हार्ट अटैक से हो गई थी। गुरुवार दोपहर जौहर की नमाज़ के बाद वाराणसी के लोहता गांव में दादा की कब्र के ठीक बगल में ही बहू और चार पोते-पोतियों के पांच जनाज़े एक साथ सुपुर्द-ए-खाक किए गए। पाँच कब्रें एक साथ खोदते और पाँच छोटे-छोटे ताबूत उतारते देख पूरा गांव सिसकियां ले रहा था। जनाज़े में हजारों लोग उमड़े।
फिलवक्त जावेद अशरफ सिद्दीकी आजमगढ़ में तैनात हैं। हादसे की खबर मिलते ही वे मौके पर पहुंचे और पूरी तरह टूट चुके हैं।
इस हृदयविदारक हादसे ने एक बार फिर पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर सुरक्षा व्यवस्था, ओवरस्पीडिंग और रियर-एंड कोलिजन के बढ़ते मामलों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस विस्तृत जांच कर रही है।

