वाराणसी : एफसीआई उत्तर क्षेत्र की विशेष हिंदी कार्यशाला संपन्न
वाराणसी (जानवार्ता): भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के उत्तर क्षेत्र के तत्वावधान में दो दिवसीय “विशेष हिंदी कार्यशाला” का शनिवार को सफल समापन हो गया। उत्तर क्षेत्र के महाप्रबंधक (क्षेत्र) एवं मंडल प्रबंधकों ने इसमें सक्रिय भागीदारी की।
कार्यशाला की अध्यक्षता एफसीआई के कार्यकारी निदेशक (उत्तर) सचिंद्र कुमार पटनायक ने की। उन्होंने कहा, “हिंदी हमारी राजभाषा होने के साथ-साथ हमारे कार्यों को जनता से जोड़ने का सबसे सशक्त माध्यम भी है। इस कार्यशाला का उद्देश्य हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा देना ही नहीं, बल्कि इसे प्रशासनिक, तकनीकी एवं दैनिक कार्यों में सहज और प्रभावी रूप से लागू करना भी है।”
कार्यशाला का शुभारंभ एफसीआई के महाप्रबंधक (उत्तर प्रदेश क्षेत्र) प्रशांत शर्मा ने किया। उन्होंने कहा, “वाराणसी हिंदी एवं भारतीय साहित्य से जुड़ाव के मामले में अत्यंत समृद्ध और गौरवपूर्ण शहर है। यह नगर हिंदी, संस्कृत एवं अन्य भारतीय भाषाओं के विकास का प्रमुख केंद्र रहा है। यहां से गोस्वामी तुलसीदास जैसे महाकवियों ने ‘रामचरितमानस’ जैसी अमूल्य रचनाएं देकर लोकभाषा में धार्मिक एवं सांस्कृतिक चेतना का प्रसार किया।”
कार्यशाला में अतिथि वक्ताओं के रूप में डॉ. रामसुधार सिंह ने “हिंदी की चुनौतियां” विषय पर तथा सेवानिवृत्त राजभाषा अधिकारी भगवान पांडेय ने “राजभाषा नीति-नियम” पर व्याख्यान दिया। एफसीआई के उप-महाप्रबंधक (राजभाषा) डॉ. ए.वी. राव ने ई-ऑफिस में हिंदी नोटिंग एवं पत्राचार बढ़ाने के उपायों तथा राजभाषा टूल्स पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन सहायक महाप्रबंधक (राजभाषा) पुखराज मीणा ने किया।
दोनों दिवसों के दौरान एक कवि सम्मेलन का भी आयोजन किया गया, जिसमें विश्वप्रसिद्ध हास्य कवि विजेंद्र कुमार मिश्र (दमदार बनारसी), प्रशांत बजरंगी, सुश्री विभा सिंह एवं सलीम शिवालवी ने अपनी मनमोहक प्रस्तुतियां दीं। दमदार बनारसी की हास्य कविताओं ने तो श्रोताओं को खूब गुदगुदाया।
कार्यशाला के अंत में प्रबंधक हनुमंत सचान, प्रबंधक (राजभाषा) महेंद्र प्रताप शर्मा, चंद्रपाल एवं डॉ. प्रज्ञापति कश्यप ने संचालन में सहयोग दिया। इस आयोजन से प्रतिभागियों को हिंदी के व्यावहारिक उपयोग पर नई दिशा मिली, जो एफसीआई के कार्यों को और अधिक जनोन्मुखी बनाने में सहायक सिद्ध होगी।