भाजपा शासन में तानाशाही चरम पर: वीरेंद्र सिंह

भाजपा शासन में तानाशाही चरम पर: वीरेंद्र सिंह

स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिनिर्वाण दिवस पर गरीब समाज को समारोह करने से रोका गया : समाजवादी पार्टी ने जताया विरोध

rajeshswari

वाराणसी (जनवार्ता)
भारतीय जनता पार्टी के शासन काल में तानाशाही चरम सीमा पर पहुँच गई है। अब समाज के लोगों को स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिनिर्वाण दिवस पर समारोह आयोजित करने का भी अधिकार नहीं रह गया है। यह बात चंदौली के सांसद वीरेंद्र सिंह ने पत्रकारवार्ता में कही।

उन्होंने बताया कि सेनानी **मंगल बियार जी के परिनिर्वाण दिवस के अवसर पर गरीब समाज द्वारा आयोजित समारोह में प्रशासनिक दबाव डालकर कार्यक्रम को रोका गया। समारोह स्थल पर लगे पोस्टर-बैनर फाड़ दिए गए और मिशन सामग्री को भी बिखेर दिया गया। सांसद ने कहा कि भाजपा सरकार गरीब समाज की आवाज को दबाने और उनके प्रेरणास्रोत सेनानियों को भुलाने की कोशिश कर रही है।

वीरेंद्र सिंह ने कहा कि मंगल बियार जी जैसे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी समाज में व्याप्त कुरीतियों को खत्म करने और समानता का संदेश देने वाले महापुरुष थे। ऐसे प्रेरणास्रोतों को जातीय आधार पर विभाजित करना या उनके कार्यक्रमों को रोकना दुर्भाग्यपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय को इस विषय पर स्पष्ट व्याख्या करनी चाहिए कि क्या समाज के प्रेरक महापुरुषों के जन्म या परिनिर्वाण दिवस को मनाना अब गैरकानूनी है? वर्तमान में उत्तर प्रदेश में कहीं भी आचार संहिता लागू नहीं है, ऐसे में इन कार्यक्रमों को रोकना कानून का दुरुपयोग और शासन की तानाशाही को दर्शाता है।

सांसद ने कहा कि भाजपा चाहती है कि देश के गरीब और वंचित समाज के सेनानियों जैसे **बिरसा मुंडा, अंगनू बिन्द, चिंगनू चमार और मंगल बियार को भुला दिया जाए, और केवल वही याद रहें जिन्होंने अंग्रेजों से माफी मांगकर अपनी जान बचाई थी।

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वीरेंद्र सिंह ने कहा कि समाजवादी पार्टी इस तानाशाही रवैये का विरोध करती रही है और आगे भी करती रहेगी। उन्होंने जनता से अपील की कि वे अपने महापुरुषों के आदर्शों और बलिदानों को याद रखें और उनके बताए मार्ग पर चलें।

Shiv murti

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