3.92 लाख बच्चों को पिलाई जाएगी विटामिन ए की खुराक
वाराणसी (जनवार्ता) : बच्चों को कुपोषण से मुक्त और स्वस्थ रखने के उद्देश्य से जनपद में ‘विटामिन ए सम्पूरण’ कार्यक्रम का शुभारंभ शुक्रवार को शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, दुर्गाकुंड पर किया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप चौधरी ने स्वयं बच्चों को विटामिन ए की खुराक पिलाकर कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत की।


यह माह भर चलने वाला अभियान 26 दिसम्बर से 24 जनवरी तक चलेगा। अभियान के दौरान ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में आयोजित स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस (वीएचएसएनडी एवं यूएचएसएनडी) सत्रों पर 9 माह से 5 वर्ष तक की आयु के लगभग 3.92 लाख बच्चों को विटामिन ए की खुराक दी जाएगी।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप चौधरी ने बताया कि अभियान में बच्चों का पूर्ण टीकाकरण, वजन मापन, अति कुपोषित बच्चों की पहचान, केवल स्तनपान एवं आयोडाइज्ड नमक के उपयोग के प्रति जागरूकता पर विशेष जोर रहेगा। साथ ही सात माह से पांच वर्ष तक के बच्चों को आयरन सीरप भी दिया जाएगा।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. एस.एस. कनौजिया ने विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि 9 माह से 1 वर्ष तक के बच्चों को आधा चम्मच (1 एमएल) तथा 1 से 5 वर्ष तक के बच्चों को पूरा एक चम्मच (2 एमएल) विटामिन ए की खुराक पिलाई जाएगी। पहली खुराक 9-12 माह में एमआर प्रथम टीके के साथ, दूसरी खुराक 16-24 माह में एमआर द्वितीय टीके के साथ तथा तीसरी से नौवीं खुराक तक हर छह माह के अंतराल पर दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि विटामिन ए की कमी से बच्चों में रतौंधी, आंखों का सूखापन, त्वचा संबंधी समस्याएं, निमोनिया एवं डायरिया जैसी बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है। विटामिन ए की नियमित खुराक से बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है तथा हड्डियों और झिल्ली (म्यूकोसा) का विकास ठीक तरह से होता है।
डॉ. कनौजिया ने सभी अभिभावकों से अपील की कि यदि बच्चे की कोई खुराक छूट गई हो या ड्यू हो तो इस अभियान के दौरान उसे अवश्य पिलाएं। अभियान में नए कुपोषित बच्चों की पहचान भी की जाएगी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा महिलाओं को आयोडाइज्ड नमक के महत्व के बारे में जागरूक किया जाएगा।
यह अभियान बाल स्वास्थ्य पोषण माह के अंतर्गत आयोजित किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य जिले के नौनिहालों को स्वस्थ और कुपोषण मुक्त बनाना है।

