युवा कांग्रेस के ‘जनाक्रोश मार्च’ को पुलिस ने रोका
70 से अधिक कार्यकर्ता गिरफ्तार

वाराणसी (जनवार्ता) । भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय भानु चिब के नेतृत्व में रविवार को वाराणसी में प्रस्तावित ‘जनाक्रोश मार्च’ और प्रधानमंत्री के संसदीय कार्यालय तक मतदाता जागरूकता एवं जन-अधिकार मार्च को जिला प्रशासन ने अनुमति नहीं दी। इसके विरोध में सर्किट हाउस (कचहरी) के बाहर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जोरदार प्रदर्शन किया और नारेबाजी की। पुलिस ने लाठीचार्ज से पहले ही करीब 70 से अधिक कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया।
कार्यक्रम के तहत भदैनी स्थित जनाक्रोश सभा के बाद कार्यकर्ता प्रधानमंत्री के संसदीय कार्यालय तक पैदल मार्च निकालकर वोट की चोरी, एसआईआर बंद करने, बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर ज्ञापन सौंपना चाहते थे। युवा कांग्रेस का दावा है कि मार्च के लिए पूर्व में अनुमति ले ली गई थी, जबकि पुलिस का कहना है कि कोई लिखित अनुमति नहीं दी गई थी।
गिरफ्तारी के बाद भड़के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय भानु चिब ने इसे केंद्र व प्रदेश सरकार की तानाशाही करार दिया। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा, “अंग्रेज देश लूटकर विदेश ले जाते थे, आज मोदी जी देश लूटकर अडानी-अंबानी को दे रहे हैं। प्रधानमंत्री का अपना संसदीय क्षेत्र है और यहां लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है। हम राहुल गांधी के सिपाही हैं। अंग्रेजों की तानाशाही नहीं झेली थी, ये तो अपने ही लोग हैं, जनता एक दिन इन्हें भी उखाड़ फेंकेगी।”
पुलिस ने बताया कि शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए निषेधाज्ञा लागू थी, इसलिए मार्च को रोकना पड़ा। सभी गिरफ्तार कार्यकर्ताओं को बाद में रिहा कर दिया गया।
कांग्रेस नेताओं ने इसे लोकतंत्र पर हमला बताते हुए आगे भी संघर्ष जारी रखने की चेतावनी दी है।

