ऋचा चड्ढा ने गलवान शहीदों पर ऐसा क्या बोला?सोशल मीडिया पर मचा बवाल
नई दिल्ली। ऋचा चड्ढा ने भारतीय सेना के जवानों और शहीदों को लेकर एक बेहद ‘निंदनीय और अपमानजनक’ टिप्पणी की है। एक्ट्रेस ने उत्तरी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी के बयान पर जवाब दिया है जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘भारतीय सेना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को वापस लेने के लिए तैयार है’। इस पर तंज कसते हुए चड्ढा ने लिखा ‘गलवान की तरफ से हेलो’।
जैसे ही उन्होंने ये ट्वीट किया,वैसे ही ये वायरल हो गया है। सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है और उनका कहना है कि ‘ऋचा ने चीनी सेना के साथ गलवान झड़प में शहीद होने वाले 20 जवानों का अपमान किया है जो बहुत निंदनीय है’।
ट्वीट को लेकर घिरीं ऋचा चड्ढा
ऋचा की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए एक ट्विटर यूजर ने लिखा, ‘यह बहुत ही खराब बात है। ऋचा चड्ढा आपको खुद पर शर्म आनी चाहिए।’ वही दूसरे यूजर ने भड़कते हुए लिखा कि ‘भारतीय सेना के दर्जनों बहादुरों ने गलवान घाटी में लगभग 100 चीनी सैनिकों का सफाया करते हुए शहादत प्राप्त की, लेकिन बॉलीवुड एक्ट्रेस ऋचा चड्ढा सेना का मजाक उड़ा रही हैं। इस तरह के सेना विरोधी बयानों को देखकर खून खौलता है’।
आपको बता दें कि लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा था कि “सेना हमेशा यह सुनिश्चित करने के लिए तैयार रहती है कि संघर्ष विराम का कभी उल्लंघन ना हो क्योंकि यह दोनों देशों के हित में है लेकिन अगर कभी उल्लंघन होता है तो हम उन्हें मुंहतोड़ जवाब देंगे”।
भारत-चीन गलवान घाटी में झड़प
गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच गलवान घाटी पर झड़प 15-16 जून 2020 की मध्यरात्रि को हुई थी जब भारत के सैनिकों पर चीन ने घात लगाकर हमला किया। इस झड़प में हमारे करीब 20 जवान शहीद हो गए जबकि चीन को भी काफी नुकसान पहुंचा।
भारतीय सशस्त्र बलों ने अपने 20 भारतीय जवानों की मौत की पुष्टि उसी समय कर दी थी जबकि चीन लंबे समय तक अपने सैनिकों के नुकसान की संख्या पर पर्दा डालता रहा। अभी भी चीन की ओर से संख्या को लेकर मसबूत दावा नहीं किया गया है। उस समय की कई इंटेल रिपोर्ट्स में अनुमान लगाया गया था कि चीन ने अपने लगभग 35 से ज्यादा सैनिक गंवा दिए हैं। फिर आखिरकार महीनों बाद चीन ने दावा किया कि उसके चार सैनिक मारे गए हैं। इस घटना के परिणामस्वरूप सीमा के दोनों ओर बलों के बीच तनाव और बढ़ गया और स्थिति को कम करने के लिए सैन्य और राजनयिक दोनों स्तरों पर बार-बार वार्ता हुई।