गाजीपुर लैंडफिल पर लगी आग से लोगों को हो रही क्या-क्या परेशानी? पुलिस ने दर्ज की FIR
नई दिल्ली। दिल्ली में गाजीपुर लैंडफिल साइट पर लगी आग जारी है। आसपास के स्थानीय लोगों को सांस लेने में अब दिक्कत होने लगी है। अधिकारियों के मुताबिक, आग पर काबू पाने के प्रयास लगातार जारी हैं। पूर्वी दिल्ली के गाजीपुर ‘लैंडफिल साइट’ (कचरा एकत्र करने की जगह) पर आग लगने के कुछ घंटों बाद पुलिस ने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। पुलिस के अनुसार, गाजीपुर थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 336 (दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालना) और 278 (माहौल को स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बनाना) के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। दिल्ली दमकल सेवा के अनुसार, कचरे के विशाल पहाड़ से उत्पन्न गैसों के कारण रविवार शाम ‘लैंडफिल’ में भीषण आग लग गई।
स्थानीय लोगों ने आग के कारण सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन और गले में तकलीफ की शिकायत करनी शुरू कर दी है। गाजीपुर लैंडफिल साइट पर लगी भीषण आग के चलते आसपास रहने वाले स्थानीय लोगों ने सांस लेने में तकलीफ की शिकायत की है। गाजीपुर लैंडफिल साइट के आसपास गाजियाबाद की खोड़ा कॉलोनी, वैशाली, इंदिरापुरम इलाके पड़ते हैं। स्थानीय लोगों को इस आग से निकलने वाले जहरीले धुएं से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
लोगों को हो रहीं बीमारियां
गाजियाबाद के वैशाली इलाके में रहने वाले नवीन जोशी ने बताया कि हम साल 1990 के से ही इस समस्या का सामना कर रहे हैं। आसपास रहने वाले लोगों को मधुमेह, बीपी, थायराइड और आंखों में जलन की अकसर दिक्कत होती है। कई सालों से बड़े बुजुर्ग और यहां तक कि छोटे बच्चे भी इन समस्याओं से पीड़ित हैं। उनका कहना है कि आसपास के सभी इलाकों में लोगों को आंखों में जलन हो रही है। लोग बाहर नहीं जा पा रहे हैं। चाहे दिल्ली सरकार हो या केंद्र सरकार, कोई भी हमारी समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रहा है। सबसे बड़ी समस्या है कि जैसे-जैसे तापमान बढ़ेगा आग और भी ज्यादा तेज होती जाएगी।
कोई नहीं कर रही इस मुद्दे का समाधान
खोड़ा कॉलोनी में रहने वाले अमरजीत ने बताया कि हम ठीक से सांस नहीं ले पा रहा हैं। मेरी आंखों में जलन हो रही है। कोई भी सरकार इस मुद्दे का समाधान नहीं कर रही है। इस आग से निकलने वाले धुएं के चलते स्कूली छात्रों का भी बुरा हाल है। आसपास के इलाकों से स्कूल जाने वाले छात्रों के गले में भी दिक्कत शुरू हो गई है। यह पहली बार नहीं है कि डंपयार्ड से आग लगने की घटना सामने आई है। इससे पहले 2022 में लैंडफिल में आग लगने की तीन घटनाएं सामने आई थीं, जिसमें 28 मार्च की घटना भी शामिल थी, जिसे 50 घंटे से अधिक समय के बाद बुझाया गया था।