आखिर क्यों हर कोई धनतेरस पर खरीदना चाहता है सोना
नई दिल्ली। दीपावली का त्यौहार नजदीक आ चुका है। हिन्दुओं के लिए यह सबसे बड़ा त्यौहार है। घरों-दुकानों की साफ-सफाई से लेकर,नए कपड़े, दिए और पटाखे इस त्यौहार पर पूरे देश को जगमग कर देते हैं। दीपावली से पहले आती है धनत्रयोदशी। इसे बोलचाल की भाषा में धनतेरस भी कहते हैं।
सोना खरीदने का शुभ मुहूर्त
हिन्दू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष के तेरहवें दिन धनत्रयोदशी या धनतेरस होती है। इस दिन सोना खरीदना बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन करोड़ों लोग सोना या चांदी खरीदकर घर लाएंगे और पूजन करेंगे। इस साल 10 नवंबर को धनतेरस मनाया जाएगा। इस दिन सोना खरीदने का शुभ समय दोपहर 12.35 बजे से 01.57 बजे तक रहेगा।
समुद्र मंथन से इसी दिन प्रकट हुईं थीं मां लक्ष्मी
हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार,धन संपदा की देवी मां लक्ष्मी धनतेरस के दिन ही समुद्र मंथन के दौरान प्रकट हुईं थीं। इसीलिए ऐसा माना जाता है कि इस दिन सोना-चांदी घर लाने में मां लक्ष्मी प्रसन्न होंगी और घर में सुख-शांति आएगी।
भारतीय समाज में सोना खरीदना हमेशा से ही एक अच्छा विकल्प माना जाता है। इसे सुख, समृद्धि, शुद्धता और सम्मान के प्रतीक के तौर पर देखा जाता है। धनतेरस पर सोने के आभूषण या सिक्के खरीदकर भारतीय न सिर्फ निवेश करते हैं बल्कि मान्यताओं के अनुसार अच्छा भाग्य भी घर लाते हैं। कभी बुरा समय आने पर सोना आपको तत्काल अच्छी रकम दिला सकता है। यही वजह है कि इसे अच्छी संपत्ति के तौर पर भी देखा जाता है।
सांस्कृतिक एवं सामाजिक मान्यता
भारतीय समाज में धनतेरस को बहुत महत्त्व दिया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन सोना खरीदने से बुरी शक्तियां और नकारात्मक ऊर्जा घर से दूर रहेंगी। कई परिवार इस दिन सोना-चांदी खरीदकर अपनी सैकड़ों साल पुरानी परंपरा का पालन भी करते हैं।
धनतेरस के लिए कंपनियां भी विशेष तैयारी करती हैं और बाजार में एक से बढ़कर डिजायन के आभूषण लाती हैं। इसलिए धनतेरस पर आप खूबसूरत, फैशनेबल और सस्ती ज्वेलरी खरीद सकते हैं क्योंकि इन दिनों ज्वेलर्स भी कई आकर्षक ऑफर देते हैं।
गिफ्ट देने का भी सही मौका
धनतेरस पर आप अपने प्रियजनों को सोना-चांदी से बने आभूषण देकर उनके चेहरे पर खुशी ला सकते हैं। गोल्ड का भारतीय परिवारों में बहुत भावनात्मक मूल्य है। जब आप किसी को कोई आभूषण देते हैं तो हर बार उसे पहनते समय वह आपको याद करता है और वह आभूषण कई पीढ़ियों तक इस्तेमाल किया जाता है।