पांच लाख रुपये से कम है संपत्ति तो भी क्यों भरना चाहिए आईटीआर,उदाहरण से समझें
नई दिल्ली। इनकम टैक्स कानून के अनुसार उन सभी लोगों को टैक्स रिटर्न फाइल करना चाहिए,जिसने कुछ लेनदेन किया है। वहीं अगर वित्त वर्ष 2022-23 के लिए मूल छूट सीमा से ऊपर सकल कुल आय है तो आईटीआर फाइल करना अनिवार्य है। वहीं अगर किसी व्यक्ति की टैक्स योग्य आय 5 लाख रुपये से ज्यादा नहीं है,तो आयकर कानून की धारा 87ए के तहत छूट की अनुमति दी जाती है।
वित्त वर्ष 2022-23 के लिए किसी भी व्यक्ति के लिए टैक्स योग्य आय 5 लाख रुपये से ज्यादा नहीं है तो वह पुरानी टैक्स व्यवस्था और नई टैक्स व्यवस्था का विकल्प चुनकर इनकम टैक्स रिटर्न भर सकते हैं। धारा 87ए के तहत 12,500 रुपये तक की छूट मिलती है। धारा 87ए के तहत इस तरह की छूट का दावा करने के लिए,करदाता के लिए अपना आईटीआर दाखिल करना अनिवार्य है।
अगर आपने अभी तक इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं किया है तो 31 जुलाई से पहले फाइल कर लें वरना जुर्माने के साथ रिटर्न फाइल करे की अनुमति दी जाएगी। यहां उदाहरण से समझाया गया है कि क्यों आईटीआर फाइल करना अनिवार्य है। अगर किसी व्यक्ति की शुद्ध टैक्स योग्य आय 4.25 लाख रुपये है। आय 5 लाख रुपये की टैक्स योग्य आय से कम है,इसलिए शून्य कर देय होगा। हालांकि 4.25 लाख रुपये की आय 2.5 लाख रुपये की मूल छूट सीमा से ऊपर है। इसलिए, इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना अनिवार्य है।
आईटीआर दाखिल नहीं करने पर क्या होगा
अगर आपका आईटीआर दाखिल करना अनिवार्य है और आप अभी भी आईटीआर दाखिल करने की समय सीमा चूक गए हैं,तो भी आप अपना टैक्स रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। समय सीमा के बाद दाखिल रिटर्न को विलेटेड आईटीआर कहा जाएगा। हालांकि अगर आप विलंबित आईटीआर दाखिल करते हैं तो आप जुर्माना देने के लिए उत्तरदायी होंगे और अन्य लाभों से चूक जाएंगे।
जुर्माना की राशि
समय सीमा वर्तमान में 31 जुलाई, 2023 है। आईटीआर दाखिल किया जाता है तो 5,000 रुपये का जुर्माना देना होगा। हालांकि अगर आपकी टैक्स योग्य आय 5 लाख रुपये से कम है,तो जुर्माना राशि 1,000 रुपये से अधिक नहीं होगी। 5 लाख रुपये से कम की टैक्स योग्य आय के लिए,धारा 87ए के तहत कर छूट के कारण कोई कर देनदारी नहीं है। हालांकि 5 लाख रुपये से अधिक आय स्तर के लिए,यदि आप पर कर देनदारी है और आपने आईटीआर दाखिल नहीं किया है,तो धारा 234ए के तहत दंडात्मक ब्याज लगाया जाएगा।