प्रेग्‍नेंसी में क्यों बदलता है बार-बार मूड,जानें ‘Mood swings’ के लक्षण और टिप्स

प्रेग्‍नेंसी में क्यों बदलता है बार-बार मूड,जानें ‘Mood swings’ के लक्षण और टिप्स
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नई दिल्ली। प्रेग्‍नेंसी में मूड स्विंग्स होना आम है। बार-बार मूड बदलने से महिलाएं परेशान हो जाती हैं। चूंकि यह उनके लिए काफी नाजुक टाइम होता है। इस दौरान उनके शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं। इस दौरान जितनी शारीर‍िक समस्‍याएं होती हैं, उससे ज्यादा महिलाएं मानसिक कठिनाई से गुजरती हैं। ऐसी ही एक समस्या मूड स्विंग भी है। यह एक ऐसी प्रॉब्लम होती है,जो प्रेग्‍नेंसी के दौरान और बाद में भी हो सकती है। जिसे पोस्‍टपार्टम मूड स्‍व‍िंग्‍स नाम से जानते हैं। यहां जानें मूड स्‍व‍िंग्‍स की समस्या के लक्षण और इससे छुटकारा पाने के 5 उपाय..

मूड स्विंग्‍स के क्या-क्या लक्षण हैं

  1. मूड स्विंग्‍स के लक्षण हर महिला में अलग-अलग हो सकते हैं। हालांकि,कुछ फीलिंग्‍स ज्यादातर प्रेग्नेंट महिलाओं में पाई जाती है।
  2. इस दौरान बिना किसी बात के मन उदास रहता है या बेवजह ही खुश हो जाता है।
  3. कई बार प्रेग्‍नेंसी ब्रेन की समस्या भी देखने को मिलती है,जिसमें चीजें भूल जाना आम होता है मतलब उनकी याद्दाश्‍त कमजोर हो जाती है।
  4. मूड स्विंग होने के दौरान चिड़चिड़ापन और गुस्‍सा आना भी लाजिमी है।
  5. ​प्रेग्‍नेंट महिलाएं बच्चों की सेफ्टी के लिए साफ-सफाई पर ज्यादा ध्यान देती हैं। बच्‍चे की इम्‍यूनिटी कमजोर होने के चलते उन्हें क्लीनिंग अच्छी लगती है।

मूड स्विंग्‍स से छुटकारा पाने के उपाय
डीप ब्रीद‍िंग एक्‍सरसाइज

डीप ब्रीद‍िंग एक्‍सरसाइज मूड स्विंग की समस्या से निजात दिलाने में काफी हेल्प कर सकता है। किसी शांत जगह बैठकर गहरी सांस लें, 5 सेकेंड्स के ल‍िए रुकें और फ‍िर उसे धीरे-धीरे छोड़ दें। 10 से 15 बार इसी तरह करें। डॉक्‍टर भी इसकी सलाह देते हैं। ड‍िलीवरी बाद मूड स्‍व‍िंग्‍स की समस्या है तो 10-15 मिनट वॉक करना फायदेमंद हो सकता है।

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फाइबर युक्त चीजें खाएं
प्रेग्‍नेंसी में मूड स्‍व‍िंग न हो, इसके लिए डाइट में फाइबर युक्त चीजों को शाम‍िल करें। ताजे फल और सब्‍ज‍ियों का भरपूर सेवन करें। फाइबर तनाव को कम करता है और शरीर को ऊर्जा भी देता है। ड‍िलीवरी के बाद मूड स्‍व‍िंग्‍स से बचने के लिए डाइट में आयरन, कैल्‍श‍ियम, व‍िटाम‍िन्‍स और म‍िनरल्‍स को रखें।

पर्याप्त नींद लें
प्रेग्नेंसी के दौरान अगर आप 7 से 8 घंटे की पर्याप्त नींद लेती हैं तो मूड स्‍व‍िंग की समस्या से परेशान नहीं होना पड़ेगा। नींद पूरी होने से शरीर में ऊर्जा बनी रहती है और सोच पॉजिटिव रहती है। इससे तनाव भी दूर रहता है।

खूब पानी पिएं
बार-बार मूड बदलने की एक वजह ड‍िहाइड्रेशन भी हो सकती है। पानी की कमी से गुस्सा और चिड़चिड़ापन होने लगता है। ऐसे में शरीर में पानी की कमी दूर करने के ल‍िए द‍िनभर कम से कम 3 से 4 लीटर पानी पिएं। नींबू पानी,फ्रूट्स जूस,वेजिटेबल्स जूस का सेवन भी करें।

हर‍ियाली में रहें
प्रेग्नेंसी में शाम के वक्त घास में नंगे पैर टलने की कोशिश करें। हरियाली वाली जगह रहें। इससे मूड स्विंग से बच सकती हैं। आस-पास का वातावरण पॉजिटिव रखें और निगेटिव चीजों से दूरी बनाएं।


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