गंगा दशहरा पर अस्थावानों ने लगाई गंगा में डुबकी
वाराणसी(जनवार्ता)। वाराणसी में गंगा दशहरा पर्व पर स्नानार्थियों ने स्नान दान किया।
गंगा दशहरा पर्व पर बनारस के घाटों पर मंगलवार की अल सुबह से ही स्नानार्थियों एवं सैलानियों की भीड़ उमड़ी रही। जहाँ लोगों ने गंगा में डुबकी लगाकर अपने सभी पापों को नष्ट किया और पुण्य की प्राप्ति की।
जनवार्ता की टीम से दशाश्वमेध घाट के तीर्थ पुरोहित विवेकानंद पाण्डेय से बात की। उन्होंने बताया कि हिंदू कैलेंडर के अनुसार,ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा का पर्व मनाया जाता है।राजा भागीरथ के पूर्वजों का उद्धार करने के लिए गंगा दशहरा के दिन ही मां गंगा धरती पर अवतरित हुई थी। गंगा दशहरा के दिन गंगा स्नान करने से हर पाप से मुक्ति मिलने के साथ मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर गंगा स्नान कर लें। अगर आप गंगा नदी स्नान के लिए नहीं जा पा रहे हैं तो घर में ही नहाने के पानी में थोड़ा सा गंगाजल डालकर स्नान कर लें। स्नान के बाद तांबे के लोटे में जल लेकर सूर्य को अर्घ्य दें। इसके साथ ही गंगा मां को फूल, सिंदूर आदि अर्पित करने के साथ दीपदान समेत मंत्रोच्चार करें। शाम को घाटों पर गंगा आरती भव्य रूप से की जाती है। जहां प्रतिदिन गंगा आरती करने वाले 5 से 7 अर्चक होते है। लेकिन दशहरा पर्व पर 5 की जगह 11 और 7 की जगह 21 अर्चक गंगा आरती करते है।