‘…तो कुर्सी छोड़ दो,बात-बात पर डराने से क्या होता है’,स्पेशल सेशन में केंद्र पर कांग्रेस प्रमुख खरगे का वार
नई दिल्ली। संसद के विशेष सत्र की शुरुआत सोमवार से हो गई। राज्यसभा और लोकसभा दोनों ही सदनों में सदस्यों ने हिस्सा लिया। राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने एक कविता के साथ अपने भाषण की शुरुआत की। उन्होंने इस कविता के जरिए सरकार को घेरा और कहा कि अगर आपसे कुछ नहीं हो पाता है,तो आप कुर्सी छोड़ दें। आपको बात-बात पर डराने की जरूरत नहीं है।
खरगे ने अपना भाषण इस कविता के साथ शुरू किया-“बदलना है तो अब हालात बदलो, ऐसे नाम बदलने से क्या होता है?,देना है तो युवाओं को रोजगार दो,सबको बेरोजगार करके क्या होता है?,दिल को थोड़ा बड़ा करके देखो, लोगों को मारने से क्या होता है?, कुछ कर नहीं सकते तो कुर्सी छोड़ दो, बात-बात पर डराने से क्या होता है?,अपनी हुक्मरानी पर तुम्हें गुरूर है, लोगों को डराने-धमकाने से क्या होता है?”
संजय सिंह और राघव चड्ढा की सदस्यता बहाल करने की मांग
राज्यसभा में विपक्ष के नेता खरगे ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू जब देश के प्रधानमंत्री थे,तो देश की नींव पड़ रही थी। और जो पत्थर नींव में पड़ते हैं वे नहीं दिखते हैं,जो दीवार पर लिखे जाते हैं वहीं दिखते हैं। उन्होंने सभापति जगदीप धनखड़ से कहा कि आप बहुत दिलदार हैं। आपसे गुजारिश करता हूं कि संजय सिंह और राघव चड्डा को वापस बुला लें। जितने भी महान नेता इस सदन का हिस्सा बने हैं। फिर वो अमीर हो या गरीब सबका एक ही वोट रहा है।
‘इंडि’ कहे जाने पर क्या बोले खरगे?
इन दिनों विपक्ष को सत्ताधारी पार्टी बीजेपी के जरिए इंडि कहा जा रहा है। विपक्ष ने अपने नए गठबंधन का नाम I.N.D.I.A.यानी इंडिया रखा है। लेकिन इस मुद्दे पर बीजेपी उसे घेरने के लिए इंडि का सहारा ले रही है। इस पर राज्यसभा में खरगे ने कहा कि आप इंडि बोलो या कुछ और बोलो,हम लोग इंडिया हैं। नाम बदलने से कुछ नहीं होता है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने दिया 70 सालों का हिसाब
खरगे ने कहा कि संविधान का निर्माण करने वाली 7 लोगों के सदस्यों की भूमिका में सबसे जरूरी भूमिका बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की थी। एक व्यक्ति ने संविधान को मजबूत करने के लिए, देश को मजबूत करने के लिए काम किया। ये सब कांग्रेस की सरकार में हुआ। हमने इसे मेहनत से कमाया है,इसे हम गंवाना नहीं चाहते। उन्होंने कहा कि कई लोगों को लगता था कि भारत अंगूठा छाप देश है। हमें बार-बार टोका जाता है कि हमने 70 साल में क्या किया। हमने 70 साल में लोकतंत्र को मजबूती दी। आपके पास बोलने के लिए कुछ नहीं है तो आप ये ही कह दीजिए।
विपक्ष से सरकार की नाराजगी पर कही ये बात
विपक्ष लगातार आरोप लगाता रहा है कि सरकार उसकी अनदेखी कर रही है। ये बातें इस बार खरगे ने सदन में भी कह दी। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि हमारे यहां सत्ता का हस्तांतरण बदूंक के दम पर नहीं हुआ। गांधी जी ने जो आजादी दिलाई वह अहिंसा पर थी। इस भवन में 75 सालों के दौरान इस देश की सूरत बदली है। नेहरू जी सबको साथ लेकर चलते थे। उन्होंने अपनी पहली कैबिनेट में विपक्ष के लोगों को शामिल किया। आप तो हमारी परछाई भी नहीं देखना चाहते।
नेहरू के अपमान पर नाराज हुए खरगे
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि नेहरू को लेकर कई तरह की बातें की जाती हैं। जिस व्यक्ति ने देश की आजादी के लिए 14 साल जेल में बिताए हों। सत्ता हासिल करने के बाद देश में बड़े-बड़े कारखाने लगाए हों। विपक्ष के नेता को मंत्री बनाया हो। उसे लेकर आपत्तिजनक बातें कही जाती हैं। खरगे ने कहा कि नेहरू संसद का सम्मान करते थे। वह विपक्ष के नेताओं को ध्यान से सुनते थे। अब तो कुछ लोग संसद में आते ही नहीं हैं। उन्हें देखे हुए बहुत दिन हो गए हैं।
मजबूत विपक्ष को कमजोर करने की हो रही कोशिश
खरगे ने कहा कि नेहरू जी का मानना था कि मजबूत विपक्ष की गैर-मौजूदगी का मतलब है कि सिस्टम में महत्वपूर्ण कमियां हैं। अगर मजबूत विपक्ष नहीं है तो यह ठीक नहीं है। अब, जब एक मजबूत विपक्ष है, तो ईडी, सीबीआई के माध्यम से इसे कमजोर करने की कोशिश हो रही है। उन्होंने कहा कि विपक्षी नेताओं को अपनी पार्टी में लाने की कोशिश होती है। उन्हें वॉशिंग मशीन में डालकर साफ करने और फिर साफ होते ही अपनी पार्टी में कर लिया जाता है। आप देख सकते हैं कि आज क्या हो रहा है। पीएम संसद में कम ही आते हैं और जब आते हैं तो इसे एक इवेंट बनाकर चले जाते हैं।