विदेश में भी जब्त हो सकेगी भगोड़ों की संपत्ति,जानिए नए कानूनों के क्या हैं प्रावधान
नई दिल्ली। देश में एक जुलाई सोमवार से नए कानून लागू होने जा रहे हैं। 25 दिसंबर, 2023 को नए कानून बनाए गए थे। नए कानून लागू हो जाने के बाद भगोड़े अपराधियों की संपत्ति विदेश में भी जब्त हो सकेगी। इन कानूनों से अपराधियों पर शिकंजा और ज्यादा कसा जाएगा। सरकार ने इन कानूनों में आतंकवाद और संगठित अपराध से निपटने के भी खास इंतजाम किए हैं।
देश में ऑनलाइन हो जाएगी न्याय प्रक्रिया
पहली जुलाई को नए कानूनों के लागू होने से देश में न्याय प्रक्रिया ऑनलाइन हो जाएगी। इसके साथ ही लोगों को तारीख पर तारीख के चक्कर से राहत मिलने की शुरुआत हो जाएगी। इन कानूनों के तहत यौन उत्पीड़न के मामलों में सात दिनों में ही जांच पूरी करनी होगी। बदलाव की उम्मीदों के साथ पूरे देश में एक समान न्याय प्रणाली की व्यवस्था लागू किया जा रहा है। आइए, इन महत्वपूर्ण संकेतों से आगे बढ़कर जानते हैं कि नए कानूनों में क्या-क्या प्रावधान हैं।
अपराधियों पर नकेल कसने के लिए सख्त प्रावधान
देश में एक जुलाई से लागू होने जा रहे नए कानूनों में भगोड़े अपराधियों पर नकेल कसने की व्यवस्था की गई है। अब घोषित अपराधियों की गैर मौजूदगी में भी उन पर मुकदमा चल सकेगा और पीड़ित को न्याय के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा। पहले अक्सर देखने में आता था कि घोषित अपराधियों के पकड़ में ना आने से न्यायिक प्रक्रिया बाधित होती थी, लेकिन भारतीय न्याय संहिता ने इस मुश्किल का हल ढूंढ लिया है और नए कानून में भगोड़े अपराधियों पर नकेल कसने के लिए सख्त प्रावधान रखे गए हैं।
कोर्ट में ट्रायल भी हो सकेगा
अब फरार अपराधी के पकड़ में ना आने से न्याय की प्रक्रिया रुकेगी नहीं, बल्कि फरार अपराधी की गैर मौजूदगी में कोर्ट में ट्रायल भी हो सकेगा। अब तक किसी भी अपराधी या आरोपी पर ट्रायल तभी शुरू होता था जब वह अदालत में मौजूद हो, लेकिन अब अपराधी के बगैर भी मुकदमा चल सकेगा यानी कोर्ट में कार्यवाही रुकेगी नहीं। फरार आरोपी पर आरोप तय होने के बाद ट्रायल शुरू हो जाएगा। भगोड़े अपराधियों पर 90 दिनों के भीतर केस दर्ज होगा।
19 के मुकाबले अब 120 अपराधों में भगोड़ा घोषित करने का प्रावधान
पहले सीआरपीसी के तहत 19 अपराधों में ही भगोड़ा घोषित किए जाने का प्रावधान था, लेकिन अब 120 अपराधों में भगोड़ा घोषित करने का प्रावधान किया गया है। 10 साल या उससे अधिक आजीवन कारावास या मौत की सजा वाले अपराधों में फरार व्यक्ति को घोषित अपराधी घोषित किया जाएगा। घोषित अपराधियों के लिए भारत के बाहर विदेशों में स्थित उनकी संपत्ति की पहचान, कुर्की और जब्ती के लिए एक नया प्रावधान बनाया गया है।
आपराधिक न्याय प्रणाली में तकनीक का इस्तेमाल,कोर्ट में ऑडियो-वीडियो
नए कानूनों के लागू होने के साथ ही देश में आपराधिक न्याय प्रणाली में तकनीक का इस्तेमाल काफी बढ़ जाएगा। इसके बाद पुलिस कार्रवाई की पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जाएगी। अदालत में ऑडियो-वीडियो सबूत पेश करने का प्रावधान होगा। इन कानूनों के तहत तीन साल में ही पीड़ित को इंसाफ मुहैया कराना सुनिश्चित किया जाएगा। शिकायत दर्ज करने के तीन दिनों में ही एफआईआर रिकॉर्ड करनी होगी। सात दिनों के भीतर यौन उत्पीड़न के मामले की जांच पूरी करनी होगी।
आपराधिक मामलों की सुनवाई 45 दिनों में पूरी करनी होगी। नए कानूनों के तहत गैंगरेप के केस में 20 साल की जेल या आजीवन सजा का प्रावधान है। नाबालिग से गैंगरेप में दोषियों को उम्रकैद या मौत की सजा होगी। झूठ बोलकर यौन संबंध बनाना भी अपराध माना जाएगा। महिला अधिकारी की उपस्थिति में ही पीड़िता का बयान होगा। सात साल या उससे अधिक की सजा के मामलों में फॉरेंसिक जांच होगी। मॉब लिंचिंग के मामलों में सात साल की सजा होगी।