चित्तापुर लूटकांड में पीड़िता ने विवेचक पर लगाया दबाव बनाने का आरोप
पुलिस कमिश्नर से मुलाकात कर विवेचना बदलने की मांग
वाराणसी (जनवार्ता) । मिर्जामुराद थाना क्षेत्र के चित्तापुर गांव में हुई लूटपाट और मारपीट की घटना में अब नया मोड़ आ गया है। पीड़िता अमृता मौर्य ने पुलिस कमिश्नर के समक्ष पेश होकर विवेचक उपनिरीक्षक मो. शाबीर पर सुलह का दबाव बनाने का आरोप लगाया है।
पीड़िता ने शिकायत में कहा कि 21 जून को गांव के सचिन, अमन, कमलेश, जय हिंद समेत दर्जनों लोगों ने उनके घर में जबरन घुसकर लाठी-डंडे, ईंट-पत्थर और धारदार हथियारों से लैस होकर हमला किया। मारपीट, गाली-गलौच और महिलाओं के साथ छेड़छाड़ के बाद हमलावरों ने घर और दुकान में लूटपाट की।
पीड़िता के अनुसार आरोपियों ने दुकान के काउंटर का ताला तोड़कर 50,000 रुपया नगद लूट लिए, घर व दुकान में तोड़फोड़ कर बाइक क्षतिग्रस्त की और बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे को भी तोड़ डाला। घटना में विवेक और विकास गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
घटना की सूचना तत्काल 112 पर दी गई, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को कबीरचौरा अस्पताल भेजा गया। वहां उनका मेडिकल परीक्षण कराया गया।
पीड़ित परिवार की तहरीर पर मिर्जामुराद थाने में 21 नामजद और 10 अज्ञात आरोपियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था।
लेकिन अब पीड़िता का आरोप है कि 8 जुलाई को खजूरी चौकी पर तैनात विवेचक मो. शाबीर उनके घर पहुंचे और सुलह का दबाव बनाया। उस वक्त घर में कोई पुरुष मौजूद नहीं था।
पीड़िता ने इस प्रकरण को लेकर पुलिस कमिश्नर से शिकायत की है और मांग की है कि विवेचक को बदला जाए तथा निष्पक्ष जांच सुनिश्चित की जाए।