झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी गठबंधन सरकार का राजनीतिक भाग्य अधर में लटक चुका है। इस बीच शनिवार को कुछ विधायक सामान लेकर सीएम आवास पहुंचे। सत्तारूढ़ संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) के विधायक आज छत्तीसगढ़ के लिए रवाना हो सकते हैं। अटकलें लगाई जा रही हैं कि हॉर्स ट्रेडिंग रोकने के डर से उन्हें कांग्रेस शासित राज्यों में भेजा जा सकता है।
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधायकी पर तलवार लटक चुकी है। इस बीच रणनीति बनाने के लिए शुक्रवार को सीएम के आवास पर यूपीए की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। सूत्रों ने कहा कि तेजी से बदलते राजनीतिक परिदृश्य में विधायकों की संख्या को बरकरार रखने के लिए ‘रिसॉर्ट पॉलिटिक्स’ का सहारा लिया जा सकता है।
इससे पहले झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि भाजपा वाले पिछले पांच माह से उन्हें सत्ता से हटाने की कोशिश कर रहे हैं। राजभवन में क्या षड्यंत्र रचा जा रहा है, पता नहीं कल क्या होगा। उन्होंने कहा- मैं आश्वस्त करता हूं कि भाजपा को हर मोर्चे पर सका मुंहतोड़ जवाब दूंगा। आपका साथ और विश्वास ही मेरी ताकत है। मुख्यमंत्री शुक्रवार को महुआडांड़ के टूटूआपानी में विकास योजनाओं के शिलान्यास व उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा वाले हर तरह के हथियार चला रहे हैं। उन्होंने गर्दन पर आरी तक चलाने का प्रयास किया लेकिन उनका हर औजार टूट जा रहा है। मैं आदिवासी का बेटा हूं। झारखंड का बेटा हूं। कोई इतनी आसानी से नहीं तोड़ सकता है। केंद्र सरकार हमारी रॉयल्टी का लाखों-करोड़ों दबा कर बैठी है। जब हमने इसकी मांग की तो वह जांच एजेंसी से परेशान करने लगी। इससे पूर्व डबल इंजन की सरकार बनाकर झारखंड की हक मारी करते रही।
हेमंत सोरेन ने अपने पिता शिबू सोरेन के विरुद्ध लोकपाल में हुए केस का भी जिक्र किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि विरोधी जितनी भी ताकत लगा लें, झारखंड सरकार को हिला नहीं सकते हैं।