निजीकरण के खिलाफ बिजली कर्मियों का आंदोलन 373वें दिन भी जारी

निजीकरण के खिलाफ बिजली कर्मियों का आंदोलन 373वें दिन भी जारी

टॉरेंट पावर पर फ्रेंचाइजी रद्द करने की मांग तेज

rajeshswari

वाराणसी (जनवार्ता)। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के बैनर तले पूर्वांचल व दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के खिलाफ चल रहा आंदोलन शुक्रवार को 373वें दिन भी अनवरत जारी रहा। वाराणसी सहित पूर्वांचल के विभिन्न जिलों में बिजली कर्मियों ने जोरदार प्रदर्शन किया।

संघर्ष समिति ने गंभीर आरोप लगाया है कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम ने कॉरपोरेशन के मानकों को ताक पर रखकर टेंडर जारी किए हैं, जिससे वाराणसी सहित पूर्वांचल के 8 मंडलों में कार्यरत 500 से 700 संविदा कर्मचारियों की छंटनी हो रही है। कर्मचारियों ने बताया कि श्रम मंत्री अनिल राजभर के बयान के बावजूद – जिसमें 300 या उससे अधिक कर्मचारियों वाली इकाइयों से छंटनी के लिए मुख्यमंत्री की अनुमति जरूरी बताई गई थी – नियमों को दरकिनार किया जा रहा है। केवल वाराणसी के मंगल द्वितीय क्षेत्र में ही डेढ़ सौ से अधिक संविदा कर्मचारी बेरोजगार होने की कगार पर हैं।

संघर्ष समिति ने चेतावनी दी है कि 7 दिसंबर को लखनऊ में होने वाली प्रदेश स्तरीय बैठक में संविदा कर्मियों की छंटनी को प्रमुख मुद्दा बनाया जाएगा। बैठक में पावर कॉरपोरेशन के चेयरमैन को मांग-पत्र सौंपा जाएगा और जरूरत पड़ी तो आंदोलन की नई रूपरेखा व नोटिस जारी की जाएगी।

*टॉरेंट पावर पर फ्रेंचाइजी रद्द करने की मांग फिर उठी*
संघर्ष समिति ने एक बार फिर आगरा में कार्यरत टॉरेंट पावर कंपनी की फ्रेंचाइजी रद्द करने की मांग दोहराई। आरोप है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा घोषित ‘बिजली बिल राहत योजना-2025’ को योजना लागू होने के पांच दिन बीत जाने के बावजूद टॉरेंट पावर लागू नहीं कर रही है।

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समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि टॉरेंट पावर ने दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम को पत्र लिखकर मूलधन माफी की राशि की प्रतिपूर्ति (रिइंबर्समेंट) मांगी थी, जिसे निगम ने साफ इनकार कर दिया। निगम ने स्पष्ट किया कि उसे भी सरकार से कोई प्रतिपूर्ति नहीं मिल रही, इसलिए वह टॉरेंट को कोई राशि नहीं दे सकता। इसके बावजूद टॉरेंट ने योजना लागू नहीं की।

साथ ही समिति ने दावा किया कि टॉरेंट पावर पिछले 16 वर्षों से पावर कॉरपोरेशन का 2200 करोड़ रुपये का राजस्व बकाया दबाए बैठी है और बार-बार फ्रेंचाइजी करार का उल्लंघन कर रही है। उपभोक्ताओं के हित में तत्काल फ्रेंचाइजी रद्द करने की मांग की गई है।

प्रदर्शन को ई. एस. के. सिंह, ओ.पी. सिंह, राजेंद्र सिंह, हेमंत श्रीवास्तव, जिउतलाल, जमुना पाल, राजेश सिंह, अरविंद कौशांबी, प्रवीण सिंह, अरुण कुमार, नन्हे लाल सहित अनेक पदाधिकारियों ने संबोधित किया। आंदोलन को आगे और तेज करने का ऐलान किया गया।

Shiv murti

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