यूपी के 7 शहरों में इनकम टैक्स की रेड जारी:गोपाल राय के घर में टीम मौजूद
लखनऊ। पॉलिटिकल फंडिंग और इनकम टैक्स चोरी के मामले में आयकर विभाग की छापेमारी गुरुवार को भी जारी है। इनकम टैक्स विभाग की टीमें 24 घंटे से यूपी के 7 शहरों में छापेमारी कर रही है। लखनऊ में राष्ट्रीय क्रांतिकारी समाजवादी पार्टी के प्रमुख गोपाल राय के घर भी टीम जमी हुई है।
सूत्रों के मुताबिक लखनऊ के छितवापुर में गोपाल राय के घर से कई अहम दस्तावेज मिले हैं। इसमें वो कागजात शामिल हैं जो फंडिंग के सुबूत के तौर पर विभाग के हाथ लगे हैं। गोपाल राय के लोक शिकायत और जांच संस्थान नाम की संस्था को भी करोड़ों की फंडिंग की गई थी, जिसके दस्तावेज IT को मिले हैं। टीम अब उनके बैंक खातों और लॉकर को खंगाल रही है। इसके अलावा कानपुर, सुल्तानपुर, वाराणसी, मऊ, नोएडा, गाजियाबाद में भी कई पार्टियों ठिकानों पर छापेमारी चल रही है।
वोट मिलते थे 100 और फंड करोड़ों रुपए
इनकम टैक्स की टीम कानपुर में जनराज्य नाम की पार्टी के तीन ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। अधिकारियों ने कई लोगों के बयान दर्ज किए। इस पार्टी के संस्थापक मऊ के रवि शंकर सिंह यादव हैं। सूत्रों के अनुसार, पार्टी ने 2017 से 22 के बीच करीब 12 करोड़ रुपये का चंदा लिया था। इसके सुराग जुटाने के लिए कानपुर में केशव नगर, किदवई नगर और काकादेव में छापेमारी हो रही है।
अब तक हुई जांच से पता चला है कि जनराज्य पार्टी दिखावे के लिए चुनाव में हिस्सा लेती रही है। असल में पार्टी को टैक्स बचाने के लिए ही बनाया गया था। कभी-कभार पार्टी से कोई प्रत्याशी चुनाव लड़ लेता था और 100-200 वोट मिल जाते थे। काकादेव में पेशे से सुप्रीम कोर्ट के वकील अभिषेक कृष्ण के घर भी आयकर अधिकारी पहुंचे हैं।
चुनाव आयोग की लीड पर आयकर विभाग ने रचा चक्रव्यूह
सूत्रों के मुताबिक चुनाव आयोग ने देश भर के दर्जनों ऐसी पार्टियों की जानकारी दी थी जो केवल फंडिंग के लिए बनाई गई हैं। इस लीड के बाद ही आयकर विभाग ने इन पर शिकंजा कासना शुरू किया। प्लानिंग के तहत बुधवार को एक साथ सभी पार्टियों के ठिकानों पर रेड पड़ी। आयकर विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक ये राजनीतिक दल भारी-भरकम चंदा लेते हैं। कुछ लोग ऐसे राजनीतिक दलों के माध्यम से अपनी ब्लैकमनी को खपाते हैं।
इस चंदे को राजनीतिक दल अपने खर्चे के रूप में दिखाते हैं। टैक्स चोरी करने में एनजीओ का भी इस्तेमाल होता है। इसके लिए इनकम टैक्स की धारा 80 (जी) और 12 (ए) में रजिस्ट्रेशन करवाया जाता है।ऐसे एनजीओ से सांठगांठ कर कई बड़े कारोबारी एनजीओ में चंदा देते हैं, इसके एवज में कुछ पैसा एनजीओ अपने पास पैसा लेकर,बाकी रकम वापस ले लेता है। इससे पैसा देने वाले की टैक्स बचत हो जाती है।