उद्धव को झटका:SC ने पार्टी पर शिंदे गुट के दावे को लेकर चुनाव आयोग की कार्यवाही से रोक हटाई

उद्धव को झटका:SC ने पार्टी पर शिंदे गुट के दावे को लेकर चुनाव आयोग की कार्यवाही से रोक हटाई
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नई दिल्ली। शिवसेना विवाद में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से एकनाथ शिंदे गुट को बड़ी राहत मिली है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली संवैधानिक बेंच ने पार्टी पर शिंदे गुट के दावे को लेकर चुनाव आयोग की कार्यवाही पर लगी लगी रोक हटा दी है। अब आयोग शिवसेना के चुनाव चिह्न पर फैसला कर सकता है। यह उद्धव ठाकरे के लिए बड़ा झटका है,क्योंकि उद्धव ने इस मामले में विधायकों की योग्यता का फैसला होने तक इलेक्शन कमीशन की कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की थी।

उद्धव की याचिका पर सुनवाई करते हुए 23 अगस्त को जस्टिस एनवी रमना की बेंच ने केस संवैधानिक बेंच को ट्रांसफर करते हुए चुनाव आयोग की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी। जस्टिस रमना ने कहा था कि संवैधानिक बेंच यह तय करेगी कि आयोग की कार्यवाही जारी रहेगी या नहीं। इससे पहले चुनाव आयोग ने सिंबल को लेकर शिंदे गुट की याचिका पर सभी पक्षों को नोटिस भेजकर जवाब देने के लिए कहा था।

सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच में मंगलवार को तीन बड़े मामलों की सुनवाई हुई

  1. उद्धव वर्सेस शिंदे शिवसेना विवाद: जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा,’मैं चाहता हूं कि इस विवाद का जल्द निपटारा हो। हम यह देखना चाहते हैं कि स्पीकर के अधिकार क्षेत्र और चुनाव आयोग के अधिकार क्षेत्र में क्या कोई कॉन्ट्राडिक्शन है।’

इस पर वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा- चुनाव आयोग में जिस व्यक्ति ने केस दाखिल किया है, वह शिवसेना का सदस्य ही नहीं है।

2.EWS रिजर्वेशन: सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस यूयू ललित की बेंच में सातवें दिन की सुनवाई हुई। सरकार ने कहा कि आरक्षण देने के लिए 50% का जो बैरियर है, उसका टूटना क्या चौंकाने वाला है? इस पर याचिकाकर्ता के वकील शंकरनारायण ने कहा- सुप्रीम कोर्ट में ही यह स्ट्रक्चर तय किया गया है,इसे तोड़ा नहीं जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया है।

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जनवरी 2019 में केंद्र सरकार ने आर्थिक रूप से पिछड़े समान्य वर्ग के लोगों को 10% आरक्षण देने की घोषणा की थी,जिसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है।

3.LG वर्सेस दिल्ली सरकार: सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई अब नवंबर में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की संवैधानिक बेंच में होगी। दिल्ली सरकार की ओर से दाखिल इस याचिका में अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग में उप-राज्यपाल की शक्ति को चुनौती दी गई है।

सुप्रीम कोर्ट के लिए मंगलवार का दिन ऐतिहासिक है। आज से लोग संविधान पीठ की सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग देख सकेंगे। इसकी शुरुआत आज उद्धव वर्सेस शिंदे केस से हुई। उद्धव गुट की ओर से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने दलील रखी। उन्होंने कहा,’कोर्ट के 29 जुलाई के आदेश की वजह से यह सब हुआ। जब अयोग्यता का मामला पेंडिंग है, तो चुनाव आयोग सिंबल पर फैसला कैसे कर सकता है।’ उधर,पीठ ने कहा कि हम इस मामले को जल्द सुलझाना चाहते हैं।

SC ने संविधान पीठ के सामने लगे मामलों की सुनवाई के लाइव स्ट्रीमिंग की व्यवस्था की है। इन मामलों में EWS आरक्षण, महाराष्ट्र शिवसेना विवाद, दिल्ली-केंद्र विवाद शामिल हैं। दरअसल, पिछले हफ्ते ही सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग करने का फैसला किया था।

2018 को भारत के तत्कालीन CJI ने दी थी लाइव स्ट्रीमिंग की अनुमति
हाल ही में CJI की अध्यक्षता में कोर्ट मीटिंग हुई थी। इसमें 27 सितंबर से सभी संविधान पीठ की सुनवाई की कार्यवाही को लाइव-स्ट्रीम करने का निर्णय लिया गया था। बता दें कि 27 सितंबर 2018 को भारत के तत्कालीन CJI दीपक मिश्रा ने संवैधानिक महत्व के मामलों की लाइव स्ट्रीमिंग की अनुमति दी थी। हालांकि यौन उत्पीड़न और वैवाहिक मामलों की कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग के लिए अनुमति नहीं थी।

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