ड्यूटी में लापरवाही बरतने पर इंस्पेक्टर समेत अन्य पर केस:मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान

ड्यूटी में लापरवाही बरतने पर इंस्पेक्टर समेत अन्य पर केस:मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान

लखनऊ। लखनऊ के सरोजनीनगर थाना में 20 जनवरी 2021 की रात करीब 9.30 बजे बरेली के जमुनिया निवासी वीरेंद्र कुमार (22) की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी। परिजनों का आरोप था कि यदि पुलिस समय पर कार्रवाई करती तो हत्यारे पकड़े जाते। इस मामले में मृतक के पिता की शिकायत पर मानवाधिकार आयोग के संज्ञान लेने के बाद सरोजनीनगर थाने के तत्कालीन इंस्पेक्टर समेत उस दौरान ड्यूटी पर मौजूद पुलिस कर्मियों के खिलाफ लापरवाही का मुकदमा दर्ज हुआ है।

थाने पर शिकायत के बाद भी नहीं हुई थी सुनवाई
वीरेंद्र के पिता प्रेम बाबू के मुताबिक वीरेंद्र सरोजनीनगर के ट्रांसपोर्टनगर मेट्रो स्टेशन के पास केएल कन्स्ट्रक्शन टेक्नोलाजी प्रा. लि. कंपनी में सरिया का काम करता था।

जहां उसकी कुछ लोगों ने मारपीट कर हत्या कर दी। इस मामले में थाने में तहरीर दी, लेकिन उस वक्त केस दर्ज नहीं किया गया। जिसको दर्ज कराने में डेढ़ साल लग गये। फिर भी पुलिस ने हत्या की जगह गैर इरादतन हत्या का केस जून 2022 को दर्ज किया।

जिसकी शिकायत मानवाधिकार आयोग में की। जिसके आदेश पर सोमवार को सरोजनीनगर के एसएसआई चंद्रप्रकाश की तहरीर पर तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक महेंद्र सिंह और अतिरिक्त निरीक्षक प्रेम प्रकाश समेत ड्यूटी पर तैनात अन्य पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ।

15 मई 2021 को मानवाधिकार आयोग में की थी शिकायत
बरेली के जमुनिया निवासी प्रेम बाबू के मुताबिक थाने और अधिकारियों के यहां चक्कर काटने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद 15 मई 2021 में मानवाधिकार आयोग से शिकायत की।

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यह था मामला
प्रेम बाबू के मुताबिक बेटा वीरेंद्र ट्रांसपोर्टनगर मेट्रो स्टेशन के पास केएल कन्स्ट्रक्शन टैक्नोलजी प्रालि कंपनी में सरिया का काम करता था। इसी कंपनी में बाराबंकी के फतेहपुर गौरा गजनी निवासी विवेक कुमार व हेमंत कुमार भी काम करते थे। दोनों सगे भाई है। आरोप है कि 20 जनवरी 2021 की रात 9.30 बजे वीरेंद्र मोबाइल पर बातचीत करते हुए कमरे से निकला था।

इसी बीच विवेक व हेमंत ने वीरेंद्र पर लोहे के राड से कई वार किया। जिससे उसका सिर फट गया। पूरी घटना बरेली के करनपुर गौटिया निवासी सद्दाम और शीशगढ़ लखा के सत्यपाल के सामने हई थी।

बचाने में वह दोनों भी घायल हुए थे। इन दोनों ने वारदात की सूचना ठेकेदार लईक अहमद व कंपनी के अधिकारियों को दी। ठेकेदार लईक ने वीरेंद्र को अस्पताल में भर्ती कराया।

जहां डॉक्टरों ने इलाज सही से नहीं किया। इसके बाद वीरेंद्र को मेडलाइफ रिसर्च एंड ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया। एक दिन बाद ठेकेदार ने हम लोगों को सूचना दी।

जब वह अस्पताल पहुंचे तो उनके बेटे की हालत काफी खराब थी। लेकिन डॉक्टरों ने दूसरे अस्पताल ले जाने केलिए कहा। रूहेलखंड मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया। जहां उसकी अगले दिन मौत हो गई।

एसआई की तहरीर पर दर्ज हुआ मुकदमा
प्रभारी निरीक्षक संतोष आर्य के मुताबिक पिता का आरोप है कि इस मामले में वह कंपनी के अधिकारियों व ठेकेदार से शिकायत की। वहीं केस दर्ज कराने केलिए सरोजनीनगर थाने गया। केस दर्ज नहीं किया गया। इसके बाद 19 जून 2022 को सरोजनीनगर थाने में गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया गया। मानवाधिकार आयोग के आदेश पर एसआई चंद्रप्रकाश की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया है। मामले की जांच की जा रही है।

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