पटना हाईकोर्ट की नीतीश सरकार को फटकार,कहा- ‘शराबबंदी फेल होने से लोगों की जान को खतरा’

पटना हाईकोर्ट की नीतीश सरकार को फटकार,कहा- ‘शराबबंदी फेल होने से लोगों की जान को खतरा’

बिहार। पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार को शराबबंदी ठीक से न लागू करने को लेकर फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि आपने शराबबंदी को सही ढंग से लागू नहीं किया जिस कारण लोगों का जीवन जोखिम में पड़ गया है। न्यायमूर्ति पूर्णेंदु सिंह ने बिहार निषेध और उत्पाद शुल्क अधिनियम, 2016 के तहत एक आरोपी की याचिका पर सुनवाई करते हुए ये टिप्पणी की। जस्टिस पूर्णेंदु सिंह ने 12 अक्टूबर को अपने 20 पन्नों के आदेश में कानून को सही मायने में लागू न करने के कारणों को विस्तार से बताया है।

जस्टिस पूर्णेंदु सिंह ने कहा है कि “शराबबंदी को ठीक से लागू न कर पाने के कारण ही राज्य में लोगों और पर्यावरण के लिए खतरा बढ़ गया है। शराबबंदी के बाद लोग आस पास के राज्यों से शराब लाकर सेवन कर रहे हैं, जिस कारण अपराध में बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि कानून की खामियों और आबकारी अपराध की जांच के तरीके के कारण उन्हें भी गिरफ्तार नहीं किया जाता है।”

इसके अलावा उन्होंने कहा कि नाबालिगों को काम पर रखना ड्राई स्टेट में शराब की तस्करी का एक नया तरीका बन गया है क्योंकि उन्हें कुछ महीनों के अंदर ही छोड़ दिया जाता है। न्यायमूर्ति ने नेपाल और बिहर के पड़ोसी राज्यों से शराब की तस्करी पर भी चिंता जाहिर की। पटना हाईकोर्ट ने कहा,

“शराबबंदी ने वास्तव में शराब और अन्य प्रतिबंधित व्यापार को बढ़ावा दिया है। शराब आज भी खुले आम मिल रही है। तस्करों ने पुलिस के साथ मिलकर इसे आगे बढ़ाने का तरीका निकाल लिया है। जब भी कभी सख्ती की बात आती है तो यह बताया जाता है कि पुलिस तस्करों या गिरोह संचालकों के बजाय गरीब ड्राइवरों, सफाईकर्मियों, मजदूरों और अपराध से कोई संबंध नहीं रखने वालों के खिलाफ चार्जशीट पेश करती है।”

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उन्होंने आगे कहा है कि इसमें न केवल पुलिस अधिकारी, आबकारी अधिकारी बल्कि स्टेट टेक्स डिपार्टमेंट और परिवहन विभाग के अधिकारी भी शामिल हैं। उनके लिए ये एक पैसे का जरिया है। शराब माफियाओं के खिलाफ मुकदमों की संख्या कम है इसके बजाय शराब पीने वाले गरीबों के खिलाफ बड़ी संख्या में केस दर्ज किए जा रहे हैं। इस कानून का सबसे ज्यादा असर उन दिहाड़ी मजदूरों पर हुआ है जो दिन भर कमाकर अपने परिवार का पेट पालते हैं।

लोगों की जान जोखिम में: पटना HC
पटना HC ने अपने आदेश में कहा कि राज्य सरकार संबंधित जिले के अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करे जिनकी निगरानी में शराब का अवैध व्यापार किया जा रहा है। न्यायमूर्ति सिंह ने जोर देकर कहा कि शराबबंदी ने सस्ती शराब और नशीली दवाओं के सेवन को बढ़ावा दिया है जिससे शराब से संबंधित समस्याएं बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि 18 से 35 वर्ष की उम्र के अधिकतर नागरिक शराब के आदी हैं। अदालत ने 2015 के बाद बिहार में नशीली दवाओं से संबंधित मामलों में वृद्धि पर भी चिंता जताई ।

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