भारत ने बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि प्राइम का किया परीक्षण,लक्ष्य को भेदने में सक्षम
नई दिल्ली। भारत ने शुक्रवार (21 अक्टूबर) को देश में ही विकसित नयी पीढ़ी की मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल ‘अग्नि प्राइम’ का ओडिशा के तट से सफल परीक्षण किया। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के सूत्रों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मिसाइल एपीजे अब्दुल कलाम आयलैंड स्थित सचल लांचर से सुबह नौ बजकर 45 मिनट पर दागी गई। सूत्रों ने बताया कि ठोस ईंधन युक्त मिसाइल ने तय सभी मानकों को परीक्षण के दौरान प्राप्त किया।
अधिकारियों ने बताया कि मिसाइल के पूरे रास्ते की निगरानी राडार से की गई और दूरमापी उपकरण विभिन्न स्थानों पर लगाए गए थे। उन्होंने बताया कि यह मिसाइल एक हजार से दो हजार किलोमीटर तक के लक्ष्य को भेद सकती है। सूत्रों ने बताया कि इस मिसाइल का पिछला परीक्षण गत 18 दिसंबर को एपीजे अब्दुल कलाम आइलैंड से ही किया गया था,जो सफल रहा था।
पहले भी हुए दो परीक्षण
अधिकारियों ने कहा कि यह मिसाइल स्वदेशी अग्नि मिसाइल का अपग्रेड वर्जन है। इस मिसाइल परीक्षण के दौरान अपनी अधिकतम रेंज पर सटीक निशाने पर फायर किया। इससे पहले इस मिसाइल के दो परीक्षण हुए थे। यह इसका तीसरा परीक्षण था, जिसमें यह खरी उतरी है। अग्नि प्राइम डबल स्टेज और सॉलि़ड फ्यूल पर आधारित मिसाइल है। इसको एडवांस रिंग लेजर गैरोंस्कोप पर आधारित नेविगेशन सिस्टम द्वारा निर्देशित किया जाता है। इसका गाइडेड सिस्टम इलेक्ट्रो मैकेनिकल एक्यूटर से पूरी तरह से लैस है।
अग्नि प्राइम मिसाइल एक हजार से दो हजार किमी की रेंज पर निशाना साधने में पूरी तरह से सक्षम है। इसके इलावा अग्नि प्राइम मिसाइल MIRV टेक्नोलॉजी से भी लैस है। जो इसकी कार्य क्षमता को और अधिक बढ़ा देती है। इस मिसाइल में यह टेक्नोलॉजी इसे एक बार में कई परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम बनाती है, जिसके जरिए अलग-अलग टारगेट को साधा जा सकता है।
भारत में अब तक अग्नि मिसाइल सिस्टम के कई वर्जन बन चुके हैं। अग्नि मिसाइल भारत में तैयार और विकसित की गई बैलिस्टिक मिसाइल है। यह परमाणु क्षमता से भी लैस है. इसके अलावा यह बैलेस्टिक मिसाइल सतह से सतह पर मार करने में भी सक्षम है।