लखनऊ। समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक कोलकाता में चल रही है। इस बैठक में धार्मिक प्रतीकों, किताबों और धर्म गुरुओं पर टिप्पणी के मामले पर चर्चा हुई है। सूत्रों के मुताबिक सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी के सभी नेताओं को ऐसे किसी भी मामले पर टिप्पणी नहीं करने की हिदायत दी है। पार्टी के सभी नेताओं को इन मुद्दों पर कुछ भी बोलने से बचने को कहा गया है। इसके अलावा लोकसभा चुनाव में सपा जातीय जनगणना और पिछड़े समाज के लोगों पर जोर देगी।
समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी के खिलाफ रणनीति पर मंथन किया जा रहा है। इस बैठक में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव,राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव,रामगोपाल यादव समेत सपा के तमाम बड़े जनप्रतिनिधि,पदाधिकारी और सभी राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष शामिल है। सूत्रों के मुताबिक बैठक में धार्मिक प्रतीकों किताबों धार्मिक गुरूओं पर टिप्पणी करने पर चर्चा हुई और पार्टी के नेताओं का ऐसा न करने का कहा है।
जातीय जनगणना के मुद्दे को उठाने पर जोर
सूत्र के मुताबिक कोलकाता में सपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी में सारे वक्ताओं कि ज़ोर मोस्ट बैक्वर्ड को पार्टी से कैसे जोड़ा जाए इस पर है ताकि ज्यादा से ज्यादा अति पिछड़े समाज के लोग पार्टी के साथ जुड़ सकें। इसके अलावा जातीय जनगणना के मुद्दे को भी सपा लोकसभा चुनाव में मुख्य मुद्दा बनाएगी। इस मुद्दे को अब और जोर-शोर के साथ उठाया जाएगा। लोकसभा चुनाव 2024 के लिहाज से सपा की इस बैठक को काफी अहम माना जा रहा है। इस बैठक में सपा आगे की रणनीति पर फैसला करेगी।
आपको बता दें कि सपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक 18 और 19 मार्च तक चलेगी। अखिलेश यादव इसमें शामिल होने के लिए शुक्रवार को ही कोलकाता पहुंच गए थे। जहां उन्होंने पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी से भी मुलाकात की थी। दोनों नेता बिना कांग्रेस के नए मोर्चे के साथ आगे बढ़ने पर सहमत हुए हैं।