महंगाई के मोर्चे पर सरकार को फिर झटका,आलू-प्याज और दाल के रेट बढ़ने से रिकॉर्ड लेवल पर WPI
नई दिल्ली। महंगाई को कम करने के लिए सरकार और आरबीआई की कोशिशें नाकाफी साबित हो रही हैं। होलसेल प्राइस इंडेक्स में लगातार तीसरे महीने तेजी आई है। खाद्य वस्तुओं खासकर सब्जियों और विनिर्मित वस्तुओं की कीमत में तेजी के कारण थोक महंगाई दर मई में तीसरे महीने बढ़कर 2.61 प्रतिशत पर पहुंच गई। थोक मूल्य सूचकांक बेस्ड महंगाई दर अप्रैल में 1.26 प्रतिशत थी। मई 2023 में यह जीरो से नीचे 3.61 प्रतिशत रही थी।
सब्जियों की महंगाई दर 32.42
मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने एक बयान में कहा,’मई 2024 में महंगाई बढ़ने का मुख्य कारण खाद्य वस्तुओं,खाद्य उत्पादों के निर्माण,कच्चे पेट्रोलियम और नेचुरल गैस, खनिज तेल आदि की कीमत में तेजी रहा।’आंकड़ों के अनुसार, खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर मई में 9.82 प्रतिशत बढ़ी, जबकि अप्रैल में यह 7.74 प्रतिशत थी। मई में सब्जियों की महंगाई दर 32.42 प्रतिशत रही, जो अप्रैल में 23.60 प्रतिशत थी।
प्याज की महंगाई दर 58.05
प्याज की महंगाई दर 58.05 प्रतिशत,जबकि आलू की महंगाई दर 64.05 प्रतिशत रही। दालों की महंगाई दर मई में 21.95 प्रतिशत रही। ईंधन एवं बिजली क्षेत्र में मुद्रास्फीति 1.35 प्रतिशत रही, जो अप्रैल के 1.38 प्रतिशत से मामूली कम है। विनिर्मित उत्पादों में मुद्रास्फीति 0.78 प्रतिशत रही,जो अप्रैल में शून्य से नीचे 0.42 प्रतिशत थी। थोक मूल्य सूचकांक में मई में वृद्धि महीने के खुदरा महंमाई के आंकड़ों के विपरीत है।
खुदरा महंगाई दर एक साल के निचले स्तर पर
इस हफ्ते की शुरुआत में जारी आंकड़ों के अनुसार मई में खुदरा महंगाई दर घटकर 4.75 प्रतिशत पर आ गई जो एक साल का सबसे निचला स्तर है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) मौद्रिक नीति तैयार करते समय मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति को ध्यान में रखता है। आरबीआई ने इस महीने की शुरुआत में लगातार आठवीं बार ब्याज दर को पहले जैसा ही रखने का फैसला किया था।