नवरात्रि में अखंड ज्योति जलाने से पहले जान लें ये जरूरी नियम,प्रसन्न होंगी मां दुर्गा
नई दिल्ली। अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की नवरात्रि 26 सितंबर से शुरू हो रहे हैं। इन्हें शारदीय नवरात्रि के नाम से जाना जाता है। इन नौ दिनों में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा की जाती है। मान्यता है कि ये 9 दिन माता धरती पर भक्तों के बीच होती हैं। इसलिए सच्ची श्रद्धा के साथ 9 दिन तक मां दुर्गा की पूजा-उपासना करने वालों से मां प्रसन्न होती हैं और उन्हें मुंह मांगा फल प्रदान करती हैं।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हिंदू धर्म में शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व है। 26 सितंबर से शुरू हो कर 4 अक्टूबर नवरात्रि पर्व मनाया जाएगा और 5 अक्टूबर विजय दशमी के दिन दुर्गा विसर्जन से इसका समापन होगा। इस नवरात्रि में पहले दिन घटस्थापना के साथ-साथ अखंड ज्योति भी जलाई जाती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं घर में अखंड ज्योति जलाने के कुछ नियमों के बारे में बताया गया है। इन नियमों का पालन करके ही अखंड ज्योति का फल मिलता है। आइए जानें अखंड ज्योति के नियम के बारे में।
नवरात्रि में अखंड ज्योति जलाने के नियम
- अखंड ज्योति का मतलब है जो खंडित न हो या फिर बिना रुके जलना। नवरात्रि में बहुत से लोग घर में मां दु्र्गा के आगे 9 दिन तक अखंड ज्योति जलाते हैं। ऐसे में लोगों को सात्विकता का पालन करना चाहिए। घर में ऐसा कोई भी काम न करें, जिससे घर की पवित्रता भंग हो।
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अखंड ज्योति अखंड आस्था का प्रतीक होती है। ऐसे में मां के सामना शुद्ध घी का एक छोटा और एक बड़ा दीपक जलाना चाहिए। अगर अखंड ज्योति में घी डालते समय या सही करते समय ज्योति बुझ जाती है तो उसे छोटे दीपक की ज्योति से पुनः जलाया जा सकता है।
- ऐसी मान्यता है कि दीपक या अग्नि के सामने किए मंत्र जाप का फल कई हजार गुना ज्यादा मिलता है। बता दें कि घी का दीपक देवी जी के दाहिनी ओर और तेल वाला देवी के बाई ओर रखा जाता है।
- अखंड ज्योति का ऐसे स्थान पर रखें,जहां ज्योति का हवा कम लगे। इससे उसके बुझने का भय नहीं रहेगा।
- घर में अखंड ज्योति जलने तक घर के सभी सदस्यों को सात्विक धर्म का पालन करना चाहिए। ब्रह्माचार्य व्रत का पालन करना चाहिए. इस दौरान मांस, शराब आदि किसी चीजा का सेवन न करें।
- घर में बाथरूम या शौचालय के आसपास अखंड ज्योति न रखें। इस दौरान घर में ताला न लगाएं और अखंड ज्योति को अकेला न छोड़ें। घर में कोई न कोई सदस्य जरूर होना चाहिए।