NIA जांच में बड़ा खुलासा,इस काम में होना था मुंद्रा पोर्ट से बरामद ड्रग्स का इस्तेमाल
नई दिल्ली। मुंद्रा पोर्ट से बरामद करीब 3 हजार किलोग्राम की हीरोइन की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है और पता चला है कि नारकोटिक्स का इस्तेमाल लश्कर की फंडिंग के लिए किया जाना था,जिससे देश में आतंकी गतिविधियों को अंजाम दिया जा सके। नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी ने सप्लीमेंट्री चार्जशीट में खुलासा किया है कि हीरोइन की खेप जब दिल्ली पहुंचती तो उसे बेच कर मिलने वाले पैसे से लश्कर को फंडिंग किए जाने की प्लानिंग तैयार की गई थी।
लश्कर ए तैयबा जैसे आतंकी संगठन के लिए होना था इस्तेमाल
सूत्रों के मुताबिक,सीमा पार बैठे आतंकियों के आका भारत में सक्रिय आतंकी संगठनों की फंडिंग ड्रग्स के जरिए कर रहे हैं। मुंद्रा पोर्ट से बरामद ड्रग्स की बड़ी खेप का इस्तेमाल लश्कर ए तैयबा जैसे आतंकी संगठन के लिए होना था। जांच एजेंसी ने सप्लीमेंट्री चार्जशीट में कुल 22 लोगों समेत उन कंपनियों को भी आरोपी बनाया है,जिसमें कुछ का संबंध पाकिस्तान,अफगानिस्तान, दुबई के उन आरोपियों से थी जो ड्रग्स के कारोबार शामिल थे।
2021 में 3000 किलो ड्रग्स किया गया था जब्त
बता दें कि साल 2021 में ईरान रूट के जरिए अफगानिस्तान से मुंद्रा पोर्ट पर आए शिप से करीब 3000 किलो ड्रग्स जब्त किया गया था। एनआईए ने इस मामले में पिछले साल दिल्ली में नाइट क्लब के एक मालिक को गिरफ्तार किया था, जो भारत में हिराईन की तस्करी के लिए कमर्शियल ट्रेड रुट का इस्तेमाल किया करता था।
22 आरोपियों के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट में एनआईए ने हरप्रीत सिंह तलवार उर्फ ‘कबीर तलवार’ को मुख्य आरोपी बनाया है। अधिकारी ने बताया कि तलवार ने कई मौकों पर दुबई का दौरा किया और व्यावसायिक मात्रा में भारत में ड्रग्स की तस्करी करने के लिए समुद्री मार्ग का फायदा उठाने की कोशिश की। कबीर तलवार को बीते साल अगस्त में गिरफ्तार किया गया था। एनआईए ने इस मामले में पिछले साल 14 मार्च को 16 व्यक्तियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था. इसके बाद 29 अगस्त 2022 को 9 नौ आरोपियों के खिलाफ पहली सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की गई थी।