नगर निगम चुनाव में प्रत्याशी के नाम को लेकर कांग्रेस मे दुविधा
वाराणसी | नगर निगम के चुनाव में महापौर पद के लिए प्रत्याशी के नाम को लेकर कांग्रेस में दुविधा की स्थिति है। महापौर की सीट अनारक्षित होने के कारण कांग्रेस ब्राह्मण या फिर कायस्थ चेहरे के साथ मैदान में उतरना चाहती हैं। एक धड़ा पार्टी के पुरनिए कायस्थ नेता को महापौर का प्रत्याशी घोषित करना चाहता हैं। वहीं दूसरा धड़ा समीकरणों को केंद्र में रखकर किसी ब्राह्मण चेहरे को उम्मीदवार बनाने के पक्ष में है।
कांग्रेस पुरानी गलतियों से सबक लेते हुए नगर निगम चुनाव में नए तेवर के साथ मैदान में उतरने को तैयार है। कांग्रेस की ओर से फिलहाल दो चेहरों पर मंथन चल रहा है। विधानसभा चुनाव में कई बार पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़ चुके एक वरिष्ठ नेता का नाम सबसे ऊपर चल रहा है। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस का एक धड़ा इस बार किसी बड़े परिवार के ब्राह्मण चेहरे को मैदान में उतारने के पक्ष में है। इसके लिए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी को पत्र भेजा गया है।
बता दें कि 1995 में कांग्रेस ने डॉ. लक्ष्मी देवी, 2000 में मोहम्मद शेख शमीम, 2006 में चंद्र देव जायसवाल, 2012 में डॉ. अशोक सिंह, और 2017 में शालिनी यादव को महापौर का प्रत्याशी बनाया था। राष्ट्रीय अध्यक्ष को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि वाराणसी में कांग्रेस चुनाव संचालन समिति के अतिरिक्त संगठन में कई वरिष्ठ निष्ठावान कांग्रेसजन हैं। इनका सुझाव उपयोगी हो सकता है। चुनाव अगर सभी के सहयोग से लड़ा जाएगा तो 1995 से अब तक 27 सालों की विफलताओं को दूर करने में सफलता मिलेगी।