Elon musk का प्लान फेल! Apple जैसे ब्रांड ने बनाई दूरी,क्या डूब जाएगा X?
नई दिल्ली। एलन मस्क ने बड़ी ही उम्मीदों के साथ ट्विटर को खरीदा था, जिसे आजकल एक्स प्लेटफॉर्म के नाम से जाना जाता है। एक्स प्लेटफॉर्म की कमाई लगातार कम हो रही है और ऐड रेवेन्यू भी कम हो गया है। बड़े ब्रांड्स ने एक्स से दूरी बना ली है और एलन मस्क ने सब्सक्रिप्शन मॉडल लाए हैं लेकिन यह काम नहीं कर रहा है।
एलन मस्क ने बड़ी ही उम्मीदों के साथ ट्विटर को खरीदा था, जिसे आजकल एक्स प्लेटफॉर्म के नाम से जाना जाता है। एलन मस्क एक्स प्लेटफॉर्म को ज्यादा लोकतांत्रिक बनाना चाहते थे। ऐसे तमाम वादों के साथ ट्विटर से एक्स बनने का कारवां आगे बढ़ता है। एलन मस्क की तरफ से सब्सक्रिप्शन मॉडल पेश किया जाता है। लेकिन एलन मस्क का प्लान काम नहीं कर रहा है। एक्स प्लेटफॉर्म की कमाई लगातार कम हो रही है। खासकर एक्स प्लेटफॉर्म का ऐड रेवेन्यू काफी कम हो गया है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या एक्स प्लेटफॉर्म डूब जाएगा।
क्यों हो रहा नुकसान
एक्स प्लेटफॉर्म के नुकसान के पीछे एलन मस्क की जिद है। साथ ही कमजोर प्लानिंग है। दरअसल एलन मस्क ने गैर लोकतांत्रिक और बिना मार्केट स्ट्रैटजी के साथ कई सारे प्लान लॉन्च किए, जो फेल हो गए। दरअसल एलन मस्क ने अलग-अलग देशों के अलग सब्सक्रिप्शन कॉस्ट नहीं रखी, जो उनकी पहली गलती थी। दरअसल एशियाई और यूरोपीय देशों में एक समान सब्सक्रिप्शन प्राइस रखने का फैसला सही नहीं था। इससे एक्स प्लेटफॉर्म के एक्टिव यूजर्स की संख्या में कमी हुई।
बड़े ब्रांड्स ने बनाई दूरी
ऐसे में ऐपल, डिज्नी, आईबीएम और Comcast जैसे कंपनियों ने एक्स से दूरी बना ली। बता दें कि यह कंपनियां सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स की कमाई का मुख्य सोर्स थीं। इन कंपनियों ने एक्स को दिए जाने वाले अपने सभी ऐड रेवेन्यू को रोक दिया है। एलन मस्क लगातार एक्स प्लेटफॉर्म के नियमों को बदल रहे हैं, जिससे एक्स को लेकर काफी अस्थिरता का माहौल है।
क्या है एलन मस्क का तर्क
ऐसे में एलन मस्क ने अपने प्लान में बदलाव किया है, जिसके मुताबिक एक्स छोटे और मीडियम साइज एडवरटाइज लाएगी, जिससे ऐड रेवेन्यू में इजाफा होने की उम्मीद है। एनल मस्क का कहना है कि बड़े ब्रांड उन पर अपने हिसाब से ट्विट करने का दबाव डाल रहे हैं। यह तरह की ब्लैकमेलिंग है। साथ ही लोकतांत्रिक नियमों के खिलाफ है। वॉलमार्ट का इस बीच कहना है कि एक्स मौजूदा वक्त में कस्टमर तक पहुंचने का उचित जरिया नही है। कंपनी उसकी जगह पर अन्य ऑप्शन तलाश करेगी।