नई दिल्ली। नर्स का काम मरीजों की सेवा है लेकिन कोई नर्स सेवा की जगह मर्डर करने लगे तो डर लाजिमी है। उत्तरी इंग्लैंड के अस्पताल में सात मासूम बच्चों के कत्ल का आरोप है हालांकि अब वो पुलिस के कब्जे में है। सवाल यह कि आखिर वो कैसे पकड़ में आई। भारतीय मूल के डॉक्टर रवि जयराम की मदद से पुलिस उस हत्यारिन नर्स तक पहुंचने में कामयाब हुई। रवि जयराम, चेस्टर के अस्पताल में कार्यरत हैं,उनके मुताबिक बच्चों की जान बच सकती थी अगर उनकी जानकारी पर पुलिस ने पहले एक्शन लिया होता।
भारतीय डाक्टर बना मददगार
मैनचेस्टर क्राउन कोर्ट ने नर्स को बच्चों की हत्या का दोषी माना है। ये सभी मामले 2015-16 के हैं। अदालत 21 अगस्त को सजा पर फैसला देने वाली है। जयराम बताते हैं कि उनको बेहद अफसोस है कि नर्स लेट्बी ने बच्चों को बचाने के लिए कुछ भी नहीं किया जब उनका ऑक्सीजन स्तर तेजी से गिर रहा था। डॉक्टर रवि जयराम के मुताबिक कत्ल किए बच्चों में कम से कम चार या पांच आज स्कूल जा रहे होते जो अब इस दुनिया में नहीं हैं। 2015 में ही तीन बच्चों की मौत के बाद उन्होंने आवाज उठाई थी कि कहीं न कहीं कुछ गड़बड़ है। यही नहीं उन्होंने अस्पताल के दूसरे जिम्मेदार लोगों से भी चर्चा की थी और लेट्बी के बारे में जानकारी दी थी। 2017 के अंत में नेशनल हेल्थ सर्विसेज पुलिस से मिलने की इजाजत दी, पुलिस ने उनकी बातों को सुना और 10 मिनट के अंदर महसूस किया कि इस मामले में जांच की जरूरत है।
लेट्बी ने गुनाह किया कबूल
जब अदालत में इस मामले में जिरह शुरू हुई तो लेट्बी द्वारा बच्चों को मारने की हैरान करने वाली जानकारी सामने आई। वो सिरिंज में हवा और इंसुलिन को भरकर बच्चों को लगाती थी इसके साथ ही दूध या दूसरे फ्लूड को जबरदस्ती देती थी। वो किसी भी तरह बच्चों को मारना चाहती थी जबकि बच्चों की मौत को प्राकृतिक वजह बताती थी। अदालती कार्रवाई में अपना गुनाह कबूल करते हुए उसने कहा कि उसे लगा कि वो बच्चों की सही से सेवा नहीं कर सकती लिहाजा मारने का फैसला किया। वो शैतान है,वो बच्चों के बारे में लिखा था कि उनका जन्मदिन है लेकिन उस खुशी को मनाने के लिए वो अब जिंदा नहीं हैं हालांकि उसके वकील ने बचाव करते हुए दलील पेश की थी कि गुस्से में लिखा हुआ खत है जिसका खुद में भरोसा खत्म हो चुका था और जो कुछ उसके वार्ड में हुआ था उसके लिए खुद को जिम्मेदार माना।