महाकाल कॉरिडोर का मोदी करेंगे लोकार्पण:यहां देश का पहला नाइट गार्डन;काशी विश्वनाथ से बड़ा प्रोजेक्ट
उज्जैन। मध्यप्रदेश में दो से बढ़कर 20 हेक्टेयर में विस्तार ले रहा महाकाल परिसर उत्तर प्रदेश के काशी विश्वनाथ कॉरिडोर (5 हेक्टेयर) से चार गुना बड़ा होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 अक्टूबर को महाकाल कॉरिडोर के पहले चरण का लोकार्पण करेंगे। PM मोदी का महीनेभर के अंदर मध्यप्रदेश का यह दूसरा दौरा होगा। इस बात की जानकारी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को उज्जैन प्रवास के दौरान दी।
महाकाल कॉरिडोर देश का पहला ऐसा धार्मिक कैंपस है,जो पौराणिक सरोवर रुद्रसागर के किनारे डेवलप हो रहा है। शिव, शक्ति और दूसरे धार्मिक किस्सों से जुड़ी करीब 200 मूर्तियां और म्यूरल्स (भित्त चित्र) के जरिए इसे सजाया गया है। श्रद्धालु शिव की अनसुनी कथाएं इनसे जानेंगे। सप्त ऋषि, नवग्रह मंडल, त्रिपुरासुर वध, कमल ताल में विराजित शिव, 108 स्तम्भों में शिव के आनंद तांडव का अंकन, शिव स्तम्भ, भव्य प्रवेश द्वार पर विराजित नंदी की विशाल प्रतिमाएं हैं। यहां देश का पहला नाइट गार्डन भी बनाया गया है।
793 करोड़ का प्रोजेक्ट, दो तरह से बदलेगी तस्वीर
793 करोड़ रुपए के महाकाल विस्तार प्रोजेक्ट के पहले चरण के कामों को लगभग फाइनल टच दिया जा चुका है। इसमें महाकाल पथ, महाकाल वाटिका,रुद्रसागर तालाब के किनारे का डेवलपमेंट शामिल है। प्रोजेक्ट दो तरह से तस्वीर बदलेगा। पहला- दर्शन आसान होंगे। दूसरा- दर्शन के साथ लोग धार्मिक पर्यटन भी कर पाएंगे। कैंपस में घूमने, ठहरने, आराम करने से लेकर तमाम सुविधाएं होंगी।
12 हजार घरों की गंदगी मोड़ तालाब जिंदा कर दिया
महाकाल प्रोजेक्ट के दौरान आठ महीने बाद उज्जैन में बदलाव की एक और बड़ी तस्वीर सामने आई है। यहां महाकाल पथ से सटा हुआ रुद्रसागर तालाब निखर उठा है। आठ महीने पहले तक यहां इतनी जलकुंभी थी कि पानी ढूंढना मुश्किल था। तालाब को साफ-सुथरा बनाने के लिए 40 लोगों ने डेढ़ महीने जलकुंभी हटाने के लिए दिन-रात एक कर दिए। 2016 के सिंहस्थ के बाद पहली बार इस तालाब पर फोकस किया गया। यहां क्लिक कर
32 महीने में तैयार हुआ श्रीकाशी विश्वनाथ धाम
1780 में अहिल्याबाई होल्कर ने काशी विश्वनाथ मंदिर का पुनरोद्धार कराया था। उसके लगभग तीन शताब्दी के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने मंदिर के विस्तारीकरण और पुनरोद्धार के लिए 8 मार्च, 2019 को विश्वनाथ मंदिर कॉरीडोर का शिलान्यास किया।
शिलान्यास के लगभग 2 साल 8 महीने बाद इस ड्रीम प्रोजेक्ट के 95 प्रतिशत कार्य को पूरा कर लिया गया। इस पूरे कॉरिडोर के निर्माण में 340 करोड़ रुपए खर्च हुए।
पूरा कॉरिडोर लगभग 50,000 वर्ग मीटर के दायरे में है
पूरे कॉरिडोर को लगभग 50,000 वर्ग मीटर के एक बड़े परिसर में बनाया गया है। इसका मुख्य दरवाजा गंगा की तरफ ललिता घाट से होकर जाता है। विश्वनाथ कॉरिडोर को 3 भागों में बांटा गया है। पहला, मंदिर का मुख्य भाग है जो लाल बलुआ पत्थर से बनाया गया है। इसमें 4 बड़े-बड़े गेट लगाए गए हैं। इसके चारों तरफ एक प्रदक्षिणा पथ बनाया गया है। उस प्रदक्षिणा पथ पर संगमरमर के 22 शिलालेख लगाए गए हैं जिनमें काशी की महिमा का वर्णन है।
कॉरिडोर में 24 भवन भी बनाए गए हैं। इन भवनों में मुख्य मंदिर परिसर, मंदिर चौक, मुमुक्षु भवन, तीन यात्री सुविधा केंद्र,चार शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, मल्टीपरपस हॉल, सिटी म्यूज़ियम, वाराणसी गैलरी, जलपान केंद्र गंगा व्यू कैफे आदि हैं। धाम की चमक बढ़ाने के लिए अलग-अलग तरह की 5,000 लाइटें लगाई गई हैं। ये खास तरह की लाइटें दिन, दोपहर और रात में रंग बदलती रहेंगी।