कर्मचारी को बचाने के लिए खुद प्लेन उड़ाने को तैयार हो गए थे रतन टाटा,यूं हीं नहीं उठती…

कर्मचारी को बचाने के लिए खुद प्लेन उड़ाने को तैयार हो गए थे रतन टाटा,यूं हीं नहीं उठती…
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नई दिल्ली। आज देश के सबसे बड़े औद्योगिक घराने टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा का जन्मदिन है। 28 दिसंबर 1937 को जन्मे रतन टाटा साल 1991 से 2012 तक टाटा ग्रुप के चेयरमैन रहे। इस दौरान उन्होंने टाटा ग्रुप को बुलंदियों पर पहुंचाया। रतन टाटा सिर्फ एक अच्छे उद्योगपति ही नहीं हैं, वे एक अच्छे इंसान भी हैं। वह अपने साथ काम करने वाले लोगों का काफी ख्याल रखते हैं। वह हमेशा अपने कर्मचारियों के साथ हमेशा खड़े रहने के लिए जाने जाते हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि उस कर्मचारी की कंपनी में क्या रैंक है। कोरोना काल में जब कंपनियां बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की छंटनी कर रही थी तो रतन टाटा ने इसका विरोध करते हुए इसे नैतिकता के खिलाफ बताया था।

रतन टाटा एक बार कर्मचारी की जान बचाने के लिए खुद विमान उड़ाने को तैयार हो गए थे। यह वाकया अगस्त 2004 का है। पुणे में टाटा मोटर्स के एमडी प्रकाश एम तेलंग की तबीयत अचानक खराब हो गई और डॉक्टरों ने उन्हें तुरंत मुंबई ले जाने की सलाह दी। रविवार का दिन था और डॉक्टर एयर एंबुलेंस का जुगाड़ नहीं कर पा रहे थे। जब इस बारे में रतन टाटा को बताया गया तो वह कंपनी का प्लेन उड़ाने के लिए तैयार हो गए। टाटा के पास पायलट का लाइसेंस है। लेकिन इस बीच एयर एंबुलेंस का प्रबंध हो गया और प्रकाश को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल ले जाया गया। वहां उनका सफल इलाज हुआ। प्रकाश करीब 50 साल तक टाटा मोटर्स में रहने के बाद 2012 में रिटायर हुए।

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ट्रेंड पायलट
रतन टाटा एक ट्रेंड पायलट हैं और उनके पास विमान उड़ाने का लाइसेंस है। उनके पास एक दसॉ फाल्कन 2000 प्राइवेट जेट भी है, जिसकी कीमत करीब 150 करोड़ रुपये बताई जाती है। कुछ साल पहले उनकी एक तस्वीर सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुई थी जिसमें वह एक फाइटर विमान की कॉकपिट में नजर आ रहे थे। यह तस्वीर 2011 की थी जब रतन टाटा ने बेंगलुरु एयरशो में बोइंग के F-18 सुपर हॉर्नोट विमान में उड़ान भरी थी। इसे उन्होंने 28 फरवरी, 2019 को अपने 82वें जन्मदिन के मौके पर इंस्टाग्राम पर शेयर किया था।

रतन टाटा ने साल 2007 में अमेरिकी लड़ाकू विमान F-16 में उड़ान भरी थी। तब वह 69 साल की उम्र में अमेरिकी विमान उड़ाने वाले सबसे बुजुर्ग भारतीय नागरिक थे। रतन टाटा को विमान उड़ाने का शौक विरासत से ही मिला है। उनके गुरु जेआरडी टाटा देश के पहले लाइसेंसधारक पायलट थे। जेआरडी टाटा ने पहली बार कराची से बंबई तक हवाई जहाज उड़ाया था। उन्होंने ही टाटा एयरलाइन्स की शुरुआत की थी। बाद में इसका नाम एयर इंडिया हो गया था और इसका राष्ट्रीयकरण कर दिया गया था। हाल में एयर इंडिया की टाटा ग्रुप में घर वापसी हुई है।

छंटनी का विरोध
कोरोना काल में जब कंपनियां बड़े पैमाने पर छंटनी कर रही थीं तो रतन टाटा ने इसका जमकर विरोध किया था। उन्होंने कहा था कि कोरोना के मुश्किल दौर में लोगों के प्रति कंपनियों की जिम्मेदारी बनती है। जिन्होंने आपके लिए काम किया, आपने उन्हें ही छोड़ दिया। उद्यमियों और कंपनियों के लिए लंबे समय तक काम करने और अच्छा प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों के प्रति संवेदनशीलता जरूरी है। महामारी के दौर में आप अपने कर्मचारियों के साथ ऐसा बर्ताव करते हैं, क्या यही आपकी नैतिकता है?’

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भारत रत्न देने की मांग
रतन टाटा देश के एकमात्र उद्योगपति हैं जिन्हें कई बार देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न देने की मांग हो चुकी है। पिछले साल की शुरुआत में उन्हें भारत रत्न देने की मांग को लेकर ट्विटर पर #BharatRatnaForRatanTata हैशटैग के साथ एक अभियान चलाया गया था। हालांकि तब रतन टाटा ने लोगों से इस कैंपेन को बंद करने की मांग करते हुए कहा था कि वह एक भारतीय होने पर खुद को भाग्यशाली मानते हैं। रतन टाटा को साल 2000 में पद्म भूषण और 2008 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।


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