बिहार : महिलाओं को रोजगार के लिए सरकार देगी 10 हजार से 2 लाख तक की मदद
पटना (जनवार्ता) | बिहार सरकार ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना 2025 की शुरुआत की है। इस योजना के तहत महिलाओं को स्वरोजगार के लिए 10 हजार रुपये की प्रारंभिक सहायता दी जाएगी। कारोबार सफल रहने पर महिलाओं को चरणबद्ध तरीके से अधिकतम 2 लाख रुपये तक का ऋण भी उपलब्ध कराया जाएगा।
महिलाओं को मिलेगा स्वरोजगार का सहारा
योजना का लाभ एक परिवार से केवल एक महिला को मिलेगा। इसका उद्देश्य घर-घर की महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़कर आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है।
“जीविका दीदी” से जुड़ना अनिवार्य
लाभार्थियों को स्वयं सहायता समूह (SHG) यानी जीविका दीदी से जुड़ना होगा। ग्रामीण विकास विभाग इस योजना का संचालन करेगा। कारोबार की प्रगति के आधार पर महिलाओं को 15 हजार, 75 हजार और अधिकतम 2 लाख रुपये तक का कर्ज दिया जाएगा। इस पर 12% ब्याज दर होगी, जिसे 1 से 3 साल में चुकाना होगा।
2.7 करोड़ परिवारों को जोड़ने का लक्ष्य
उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने बताया कि राज्य के 2.7 करोड़ परिवारों की महिलाओं को इस योजना से जोड़ा जाएगा। इससे न केवल महिलाओं की आर्थिक स्थिति सुधरेगी, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
चुनावी रणनीति और महिला वोट बैंक
बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक हैं। माना जा रहा है कि यह योजना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बड़ा चुनावी दांव है। इससे पहले वे शराबबंदी, महिला आरक्षण और शिक्षिका बहाली जैसे फैसलों से महिला वोटरों को साधने की कोशिश कर चुके हैं।
“जीविका दीदी” की ताकत
बिहार में जीविका दीदी नेटवर्क पहले से ही महिलाओं की जिंदगी बदल रहा है। 2006 में विश्व बैंक की मदद से शुरू हुआ यह कार्यक्रम आज 10.81 लाख स्वयं सहायता समूहों और 1.34 करोड़ महिलाओं को जोड़ चुका है। कृषि, पशुपालन, हस्तशिल्प, सिलाई-कढ़ाई जैसे कार्यों से महिलाएं आत्मनिर्भर हो रही हैं। हाल ही में जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड की स्थापना भी की गई है, जो महिलाओं को बैंकों से कम ब्याज दर पर कर्ज उपलब्ध कराएगा।
👉 मुख्यमंत्री का दावा है कि यह योजना महिलाओं के लिए बोझ नहीं, बल्कि आय का सहारा बनेगी