लालू की बेटी रोहिणी ने छोड़ी राजनीति
बोलीं – ‘परिवार से भी तोड़ रही हूं नाता, राजद के हार की ली जिम्मेदारी

पटना (जनवार्ता)। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की पुत्री रोहिणी आचार्य ने राजनीति से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया है। साथ ही उन्होंने अपने परिवार से भी दूरी बनाने की घोषणा की है। सोशल मीडिया पर पोस्ट कर टोहिणी ने लिखा, “में राजनीति छोड़ रही हूं और अपने परिवार से भी नाता तोड़ रही हूं। यह वही बात है जो संजय यादव और रमीज़ ने मुझसे कहने को कहा था।” राजद की हार की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि वे सारी जिम्मेदारी खुद ले रही हैं।
दरअसल, टोहिणी आचार्य लंबे समय से अपने भाई तेजस्वी यादव के करीबी और राज्यसभा सांसद संजय यादव की पार्टी में दखलंदाजी से नाराज चल रही थीं। 18 सितंबर को भी उन्होंने किसी अन्य के सोशल मीडिया पोस्ट को शेयर करते हुए संजय यादव को निशाने पर लिया था। शेयर किए गए पोस्ट में लिखा था, “फ्रंट सीट सदैव शीर्ष के नेता-नेतृत्वकर्ता के लिए चिन्हित होती है और उनकी अनुपस्थिति में भी किसी को उस सीट पर नहीं बैठना चाहिए… वैसे अगर ‘कोई अपने आप को शीर्ष नेतृत्व से भी ऊपर समझ रहा है, तो अलग बात है।”
रोहिणी ने आगे लिखा, “मेरे लिए मेरा आत्म-सम्मान सवर्वोपरि है।” इसके बाद उन्होंने अपने पिता लालू प्रसाद यादव को जीवनदान देने वाला फोटो-वीडियो शेयर करते हुए कहा, ‘जो जान हथेली पर रखते हुए बड़ी से बड़ी कुर्बानी देने का जज्बा रखते हैं, बेखौफी-बेबाकी-खुद्दारी तो उनके लहू में बहती है।” उन्होंने जोड़ा, “मैंने एक बेटी व बहन के तौर पर अपना कर्तव्य एवं धर्म निभाया है और आगे भी निभाती रहूंगी। मुझे किसी पद की लालसा नहीं है, न मेरी कोई राजनीतिक महत्वाकांक्षा है।”
रोहिणी की ये दोनों पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। उनके समर्थकों ने लिखा कि बिहार एक बेटी की यह कुर्बानी कभी नहीं भूलेगा। एक समर्थक ने कहा, “राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के लिए आपने जो किया उसे भूला नहीं जा सकता।” दूसरे ने लिखा, “अपनी किडनी अपने पिता को देकर आपने उन्हें जीवनदान दिया।”
रोहिणी की पोस्ट के बाद राजद सांसद और तेजस्वी यादव के करीबी संजय यादव ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “रोहिणी दीदी ने जो कहा, उसका संदर्भहम सब भली-भांति समझते हैं। पार्टी पूरी तरह से एकजुट है, और किसी प्रकार का कोई भ्रम या मतभेद नहीं है। राजद में किसी तरह की गलतफहमी नहीं है।”

