वसई विधायक भाजपा स्नेहा दुबे पंडित के खिलाफ चुनावी हलफनामे में संपत्ति और नाम परिवर्तन छिपाने का आरोप

वसई विधायक भाजपा स्नेहा दुबे पंडित के खिलाफ चुनावी हलफनामे में संपत्ति और नाम परिवर्तन छिपाने का आरोप

सदस्यता रद्द करने की मांग

नालासोपारा  (जनवार्ता): महाराष्ट्र विधानसभा की नवनिर्वाचित विधायक श्रीमती स्नेहा दुबे पंडित (वसई, विधानसभा क्षेत्र 133) पर चुनावी हलफनामे में महत्वपूर्ण जानकारी जानबूझकर छिपाने का गंभीर आरोप लगा है। नालासोपारा पश्चिम के निवासी संजीव भागीरथी पांडेय ने महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर, राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन और विधानमंडल सचिवालय को शिकायत पत्र भेजकर विधायक की उम्मीदवारी और सदस्यता तत्काल रद्द करने की मांग की है।

पांडेय ने बताया कि 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा की ओर से वसई सीट जीतने वाली स्नेहा दुबे पंडित ने नामांकन के समय प्रस्तुत शपथपत्र में कई महत्वपूर्ण तथ्य छिपाए हैं। उनका कहना है कि यह जनता को भ्रमित करने का प्रयास है और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम तथा चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों का स्पष्ट उल्लंघन है, जो चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठाता है।

शिकायत में कहा गया है कि स्नेहा दुबे पंडित के नाम से लंबे समय से संचालित ‘दुबे एस्टेट’ कंपनी का हलफनामे में कोई उल्लेख नहीं है, जो नालासोपारा क्षेत्र में सक्रिय है। नामांकन फॉर्म में उनका नाम ‘स्नेहा प्रेमनाथ दुबे’ दर्ज है, लेकिन हलफनामे में ‘स्नेहा दुबे पंडित’ लिखा गया, बिना किसी आधिकारिक गजेट प्रमाण-पत्र के । इसके अलावा, उनके पति प्रेमनाथ श्यामसुंदर दुबे के साथ संचालित दुबे एस्टेट जैसी व्यावसायिक संपत्तियां भी हलफनामे में दर्ज नहीं हैं। शिकायत में दोनों के एफिडेविट की जांच की मांग की गई है।

आरोपों में यह भी शामिल है कि जीएसटी नंबर 27AFMPD9252L1ZZ पर पंजीकृत पांडव रेस्तुरंट्स और शाम बार, जो उनके पिता श्याम नरसिंग दुबे के नाम पर है और बेटे प्रेमनाथ श्याम दुबे द्वारा संचालित है, का हलफनामे में जिक्र नहीं है। साथ ही, मीरा सुरेश दुबे और चिंकी सुरेश दुबे द्वारा संचालित मीरा सुरेश दुबे रियल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड, जिसका पता दुबे एस्टेट, नालासोपारा ईस्ट, ठाणे, महाराष्ट्र-401209 है, को भी हलफनामे में शामिल नहीं किया गया। शिकायत में नालासोपारा पूर्व में दुबे एस्टेट, पांडव रेस्तुरंट्स और शाम बार की इमारतों को अवैध निर्माण बताया गया है, जिनका खुलासा न करना संपत्ति विवरण में धोखे की श्रेणी में आता है।

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पांडेय ने कहा कि ये तथ्य चुनाव आयोग के नियमों के खिलाफ हैं और पारदर्शी जांच के साथ उनकी सदस्यता रद्द की जानी चाहिए। उन्होंने जोर दिया कि ऐसी कार्रवाई से लोकतंत्र में विश्वास बना रहेगा और भविष्य के उम्मीदवार नियमों का पालन करेंगे।

2024 महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में स्नेहा दुबे पंडित ने बहुजन विकास आघाड़ी के हितेंद्र ठाकुर को 3,153 वोटों से हराया था। भाजपा की ओर से जायंट किलर के रूप में उभरीं स्नेहा के हलफनामे में 1.7 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की गई थी, लेकिन शिकायतकर्ता का दावा है कि कई संपत्तियां छिपाई गईं।

महाराष्ट्र विधानसभा सचिवालय और राज्यपाल कार्यालय से इस मामले में त्वरित कार्रवाई की उम्मीद है। वसई-विरार क्षेत्र में यह मामला चर्चा का विषय बन गया है, जहां निवासी चुनावी पारदर्शिता पर सवाल उठा रहे हैं।

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