5 साल पुराने BHU स्टूडेंट मिसिंग केस में हाईकोर्ट ने जनहित याचिका निस्तारित

5 साल पुराने BHU स्टूडेंट मिसिंग केस में हाईकोर्ट ने जनहित याचिका निस्तारित

ट्रायल कोर्ट से की त्वरित सुनवाई की अपील

rajeshswari

प्रयागराज (जनवार्ता)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बीएचयू छात्र शिव कुमार त्रिवेदी के लापता प्रकरण से जुड़ी जनहित याचिका निस्तारित करते हुए ट्रायल कोर्ट से अपेक्षा जताई कि अभियोजन स्वीकृति और चार्जशीट दाखिल होने के बाद अब सुनवाई में विलंब न किया जाए।

शिव कुमार 13 फरवरी 2020 को लंका पुलिस कस्टडी से संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हुआ था। हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद जांच सीबीसीआईडी को सौंपी गई। जांच में पुष्टि हुई कि 15 फरवरी को वह रामनगर क्षेत्र की कुतुलपुर पोखरी में डूब गया था।

जांच के आधार पर तत्कालीन थाना प्रभारी भारत भूषण तिवारी समेत आठ पुलिसकर्मियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 166 और 304-ए में एफआईआर दर्ज हुई। विवेचना में हेड कांस्टेबल विजय कुमार यादव, कांस्टेबल शैलेंद्र कुमार सिंह और होमगार्ड संतोष कुमार के विरुद्ध आरोपपत्र दाखिल किया गया, जबकि पांच अन्य को दोषमुक्त करार दिया गया।

याचिकाकर्ता के वकील ने अदालत में मानसिक स्वास्थ्य अधिनियम 2017 की धारा 100 का हवाला देते हुए तर्क दिया कि कई पुलिसकर्मियों को जानबूझकर बचाया गया है। कोर्ट ने इस पर टिप्पणी करने से इन्कार किया, लेकिन उम्मीद जताई कि अब ट्रायल कोर्ट शीघ्र सुनवाई पूरी करेगा।

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Shiv murti

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