हंडिया पीजी कॉलेज में “महिला सुरक्षा संबंधी हेल्पलाइन जागरूकता” कार्यक्रम आयोजित
हंडिया (प्रयागराज) (जनवार्ता)। मिशन शक्ति फेज-5 अभियान के अंतर्गत हंडिया पीजी कॉलेज, हंडिया, प्रयागराज में महिला प्रकोष्ठ के तत्वावधान में दिनांक 9 अक्टूबर 2025 को “महिला सुरक्षा संबंधी हेल्पलाइन जागरूकता” कार्यक्रम का सफल आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य छात्राओं को महिला सुरक्षा से जुड़ी सरकारी हेल्पलाइन सेवाओं, कानूनों एवं आत्मरक्षा के उपायों के प्रति जागरूक करना था।
कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना एवं स्वागत भाषण के साथ हुई। बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लेते हुए महिला सुरक्षा से संबंधित विभिन्न प्रश्न पूछे और अपने विचार साझा किए। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. (डॉ.) विवेक पांडेय ने अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए कहा कि महिला सुरक्षा केवल सामाजिक या कानूनी जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह एक संवैधानिक अधिकार है। उन्होंने छात्राओं से अपने अधिकारों के प्रति सजग रहने और किसी भी परिस्थिति में निडर होकर प्रशासनिक सहायता लेने की अपील की। उन्होंने कहा कि “सुरक्षित महिला ही सशक्त समाज की आधारशिला है।”
कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ. मधुलिका त्रिपाठी एवं सुश्री प्रतीक्षा सिंह द्वारा किया गया। मुख्य वक्ता श्रीमती रीता सिंह ने छात्राओं को महिला सुरक्षा से संबंधित विभिन्न हेल्पलाइन नंबरों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 1090 महिला शक्ति हेल्पलाइन, 181 महिला सहायता नंबर, 112 आपातकालीन सेवा, और 1076 महिला आयोग हेल्पलाइन नंबर हैं, जिनका उपयोग किसी भी प्रकार की आपात स्थिति या उत्पीड़न की स्थिति में किया जा सकता है। श्रीमती सिंह ने कहा कि हर युवती को इन नंबरों की जानकारी रखनी चाहिए ताकि वे अपने साथ-साथ अन्य महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकें।
इस अवसर पर डॉ. नीरज सिंह, डॉ. प्रद्युम्न सिंह, डॉ. सोमेश सिंह, डॉ. दीपक सिंह, डॉ. धर्मेंद्र भारतीय, डॉ. शिवशंकर, डॉ. सत्येंद्र सिंह, डॉ. ज्योत्सना सिंह, सुश्री निकिता यादव, श्रीमती रीता सिंह एवं अन्य शिक्षकगण उपस्थित रहे। सभी ने कार्यक्रम की सराहना की और इसे समय की आवश्यकता बताया।
कार्यक्रम का आयोजन मिशन शक्ति नोडल अधिकारी एवं महिला प्रकोष्ठ की समन्वयक सुश्री अंजलि मोदनवाल के नेतृत्व में संपन्न हुआ। उन्होंने कहा कि मिशन शक्ति अभियान का मुख्य उद्देश्य महिलाओं में आत्मविश्वास और सुरक्षा की भावना विकसित करना है। सुश्री मोदनवाल ने छात्राओं से अपील की कि वे समाज में सुरक्षा एवं सम्मान की संस्कृति स्थापित करने में सक्रिय भूमिका निभाएँ।
कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ। उपस्थित छात्राओं ने ऐसे जागरूकता कार्यक्रमों के नियमित आयोजन की मांग की, ताकि महिलाओं में सुरक्षा और आत्मनिर्भरता की भावना को और अधिक सशक्त बनाया जा सके।