दिल्‍ली में दो साल की बच्ची को आवारा कुत्‍तों ने नोचा…कभी आपके पीछे पड़ जाएं तो क्या करना है

दिल्‍ली में दो साल की बच्ची को आवारा कुत्‍तों ने नोचा…कभी आपके पीछे पड़ जाएं तो क्या करना है
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नई दिल्ली। दिल्‍ली-NCR समेत तमाम शहरों में आवारा कुत्तों का आतंक है। शाम ढलते ही सूनी सड़कों और गलियों पर इनका राज होता है। जरा सा चूके तो झुंड का झुंड आपको दौड़ा लेगा। भरे-पूरे शरीर वाला इंसान भी आवारा कुत्‍तों के आगे कमजोर पड़ जाता है। जरा सोचिए, दो साल की उस बच्ची का आवारा कुत्‍तों ने क्या हाल किया होगा। घटना दिल्ली के तुगलक लेन स्थित धोबी घाट इलाके की है। बच्‍ची शनिवार शाम करीब 6 बजे अपने घर के बाहर खेल रही थी। परिवार के मुताबिक,चार-पांच कुत्तों का झुंड अचानक से उसपर टूट पड़ा। बच्चे को घसीटते हुए 100-150 मीटर दूर गली में ले गए। वहां कुत्तों ने मिलकर बच्ची को इतना नोचा कि अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। परिवार की शिकायत पर तुगलक रोड थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

बच्‍ची के चाचा रवि कुमार ने बताया, ‘हमारा परिवार घर के अंदर था। एक राहगीर ने हमें घटना के बारे में बताया। हम पहुंचे तो उसकी हालत देखकर कलेजा मुंह को आ गया। बच्‍ची खून से लथपथ थी। कुत्ते उसका दायां कान चबा गए थे। उसे पूरी तरह नोच डाला था।’ कुमार के मुताबिक, उनके परिवार के एक और सदस्य को भी कुछ महीनों पहले, आवारा कुत्‍तों ने शिकार बनाया था।

बड़ा खतरा बन चुके हैं आवारा कुत्ते
आवारा कुत्तों का आतंक सिर्फ किसी एक शहर तक सीमित नहीं। भारत में 2019 और 2022 के बीच आवारा कुत्तों के काटने के लगभग 1।6 करोड़ मामले दर्ज किए गए (नवंबर 2022 तक, संसद डेटा), यानी औसतन रोज 10,000 से ज्‍यादा मामले। ‘एंड पेट होमलेसनेस’ नाम के एक समूह का दावा है कि भारत में करीब 6 करोड़ आवारा कुत्‍ते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन का अनुमान है कि दुनिया में रेबीज से होने वाली इंसानी मौतों में से 36% मौतें भारत में होती हैं। आवारा कुत्तों से सबसे बड़ा खतरा बच्‍चों को ही है। WHO के अनुसार, 30% से 60% मामलों में 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चे शामिल हैं।

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भारत ने 2001 में एनिमल बर्थ कंट्रोल पॉलिसी लॉन्च की। अप्रैल 2023 में इसमें संशोधन किया गया। नियमों के मुताबिक, आवारा जानवरों को पकड़ा जाना चाहिए, टीकाकरण किया जाना चाहिए, नपुंसक बनाया जाना चाहिए और वापस वहीं छोड़ा जाना चाहिए जहां उन्हें मूल रूप से पकड़ा गया था। 2023 के नियमों में रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन से आवारा कुत्तों की देखभाल करने और उन्हें बच्चों और बुजुर्गों से दूर रखने को कहा गया है।

क्‍या करें जब आपके पीछे पड़ जाएं आवारा कुत्ते

  • पालतू कुत्‍तों के मुकाबले आवारा कुत्ते कहीं ज्यादा आक्रामक और खतरनाक होते हैं। आवारा कुत्‍ते ज्यादातर झुंड में हमला करते हैं। अगर आपके पीछे आवारा कुत्‍ते पड़ जाएं तो कुछ बातों का ध्यान रखकर खुद को बचाया जा सकता है।
  • अगर किसी आवारा कुत्ते से सामना पड़ जाए तो घबराएं नहीं। कुत्ते डर भांप लेते हैं, अगर उन्हें लगा कि आप डरे हुए हैं तो वे और आक्रामक हो सकते हैं। कुत्तों से सीधे नजरें मिलाने से बचें, इससे उन्हें लगता है कि आप उन्हें चुनौती पेश कर रहे हैं। कुत्ते को घूरे बिना चुपचाप अपने रास्ते पर आगे बढ़ते रहें।
  • अगर कुत्ता आपकी ओर लपके तो थोड़ा सा पीछे हटिए। पीठ दिखाकर भागने की कोशिश करेंगे तो वो दौड़ा लेगा। कुत्ते की ओर देखते हुए धीरे-धीरे, उससे दूर जाने की कोशिश करें।
  • अगर आपके आसपास कोई पेड़, बेंच या कूड़ेदान है तो उसे बैरियर की तरह यूज करें। जैकेट और बैकपैक को भी अपने और कुत्ते के बीच बचाव शील्‍ड की तरह रख सकते हैं।
  • धीमे-धीमे पीछे जाने और कोई चीज बीच में लाने के बावजूद अगर कुत्ता पीछा नहीं छोड़ता तो आप तेज आवाज में उसे वहां से जाने को कहें। आप ‘नो’ या ‘गो अवे’ जैसे शब्दों का यूज कर सकते हैं। हो सकता है कि कुत्ता हैरान होकर वहां से चला जाए।
  • अगर हो जाए हमला…
  • अगर कुत्ता आपके ऊपर हमला कर दे तो जो भी बन पड़े, उससे अपनी रक्षा कीजिए। छड़ी, पत्थर, बैग… कुछ भी हाथ में लेकर कुत्ते की नाक या सिर पर मारने की कोशिश कीजिए। अगर आपको कुत्‍तों ने गिरा दिया है तो खुद को गेंद की तरह लपेट लें। अपनी बाहों से अपने सिर और गर्दन को बचाएं।
  • अगर आप शिकार बन चुके हैं तो फौरन मेडिकल सहायता लीजिए। भले ही खरोंच ही क्यों न हो, डॉक्टर को जरूर दिखाएं। कुत्‍तों के काटने से रेबीज जैसी लाइलाज बीमारी हो सकती है। छोटी सी डॉग बाइट भी इन्‍फेक्‍शन की वजह बन सकती है इसलिए लापरवाही बिल्कुल न करें।
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