स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी पर बिना तलाक दूसरी शादी का आरोप,जान लीजिए क्या कहता है कानून
नई दिल्ली। भारत में पति-पत्नी के रिश्ते को सबसे पवित्र माना जाता है। एक बार जब दोनों एक-दूसरे का हाथ थामते हैं तो 7 जन्मों तक साथ रहने का वादा करते हैं। भारतीय कानून एक व्यक्ति को दो शादी की अनुमति नहीं देता है। अगर कोई व्यक्ति बिना तलाक के दूसरी शादी कर लेता है तो उसे भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 494 के तहत अपराध माना जाता है। आएइ जानते हैं हिंदू मैरिज एक्ट में क्या है? दूसरी शादी को लेकर नियम-कानून क्या है?।
हिंदू मैरिज एक्ट 1955
यदि आप भारत में रहते हैं और हिंदू धर्म के तहत दो शादियां करना चाहते हैं तो आप ये नहीं कर सकते। हिंदू मैरिज एक्ट 1955 के तहत भारत में दो शादियां करने का प्रावधान नहीं है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर हिंदू धर्म में दो या उससे ज़्यादा शादियां करना अपराध कब से बन गया? तो बता दें साल 1955 से पहले तक हिंदू कई शादियां कर सकते थे और ये अपराध भी नहीं था, लेकिन साल 1955 में हिंदू मैरिज एक्ट लागू हुआ। जिसके तहत हिंदुओं को सिर्फ एक ही शादी की इजाजत मिली। वहीं यदि कोई हिंदू व्यक्ति दूसरी शादी करना चाहता है तो उसे अपने पहले पार्टनर से तलाक़ लेना होगा। इसके बाद ही वो व्यक्ति दूसरी शादी कर सकता है।
भारतीय कानून
हिंदुओं में किसी भी व्यक्ति को एक शादी करने का नियम है। यदि कोई व्यक्ति दो शादी करता है तो वो अपराध माना जाता है। पति या पत्नी के होते हुए कुछ परिस्थितियों में दूसरी शादी करने को भारतीय कानून में अपराध की श्रेणी में रखा गया है।
बिना तलाक के किए शादी तो हो सकती है जेल
भारतीय कानून एक व्यक्ति को दो शादी की अनुमति नहीं देता है। अगर कोई व्यक्ति बिना तलाक के दूसरी शादी कर लेता है तो उसे भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 494 के तहत अपराध माना जाता है। बिना तलाक के दूसरी शादी करने पर कड़ी सजा हो सकती है।
धोखाधड़ी का दर्ज होगा केस
यदि कोई व्यक्ति अपने पहले साथी के जीवित रहते हुए तलाक के बिना दूसरी शादी करता है, तो इसे “बहुविवाह” माना जाता है। भारतीय कानून के अनुसार द्विविवाह एक दंडनीय अपराध है और इसे धारा 415 के तहत “धोखाधड़ी” के रूप में माना जा सकता है, जहाँ पत्नी किसी पेशेवर से कानूनी परामर्श के साथ तलाक के बिना दूसरी शादी करने के लिए पति या पत्नी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराया जा सकता है।
दूसरी शादी करने मे कई धाराएं लगती हैं
हिंदू विवाह अधिनियम 1955 की धारा 17 में के मुताबिक, दूसरी शादी करने पर विभिन्न कानूनों के तहत अलग-अलग धाराएँ हैं। द्विविवाह या तलाक के बिना दूसरी शादी करना अवैध है और कानून द्वारा दंडनीय है। द्विविवाह करने वाला व्यक्ति, जो तलाक के बिना दूसरी शादी कर रहा है, उसपर भारतीय दंड संहिता की धारा 494 और 485 के तहत केस होगा।
7 साल की जेल, धारा 494 क्या कहती है?
भारतीय दंड संहिता की धारा 494 में कहा गया है कि अगर कोई व्यक्ति तलाक के बिना दूसरी शादी करता है या इस धारा के समान कोई अपराध करता है, तो उसे अपराध के आधार पर सात साल या उससे अधिक की कैद हो सकती है।
जुर्माना भी लगाया जा सकता है
कुछ मामलों में अपराध की गंभीरता के आधार पर जुर्माना भी लगाया जाता है जेल और जुर्माना दोनों लगाया जा सकता है। या दोनों पर एक साथ आरोप लगाया जाता है। ऐसे आरोपों का सामना करने या ऐसे मुद्दों का शिकार होने पर व्यक्ति कानूनी परामर्श ले सकता है।
भारतीय दंड संहिता की धारा 495 क्या कहती है?
इस धारा में कहा गया है कि अगर कोई व्यक्ति तलाक के बिना दूसरी शादी करता है और पहली शादी के बारे में जानकारी छिपाता है तो इस मामले में जुर्माना या 10 साल तक की कैद या दोनों हैं हो सकती है।
बिना तलाक के नहीं कर सकते शादी
शादीशुदा व्यक्ति को पति या पत्नी के जिंदा रहते बिना तलाक के दूसरी शादी करने की अनुमति नहीं है। अगर वह सिर्फ उसे छोड़ देता है और कानूनी प्रक्रिया के तहत उसे तलाक नहीं देता है तो लीगल तौर पर वह उसकी पत्नी होती है और सरकार के तरफ से मिलने वाली सुविधाओं में पत्नी के तौर पर उसका हक होता है।
बस एक कंडीशन में ऐसा नहीं होता है। अगर उन दोनों में से कोई एक लापता हो जाता है और 7 साल तक नहीं मिलता है तो दूसरा उसके बाद शादी कर सकता है।
पहली शादी से तलाक लिए बिना दूसरी शादी का कोई महत्व या मान्यता नहीं है। यह तब तक अमान्य है जब तक यह साबित न हो जाए कि पहली शादी तलाकशुदा या अलग हो चुकी है। अगर पहली पत्नी मौजूद है और तलाक नहीं हुआ है तो दूसरी पत्नी के पास कोई कानूनी अधिकार नहीं है।
बच्चों को मिल सकती है संपत्ति
हालाँकि हिंदू विवाह अधिनियम 1955 की धारा 11 और 16 के अनुसार दूसरी पत्नी के बच्चों को अपने जैविक पिता की संपत्ति और धन पर अधिकार है।
फिर तलाक दिए बिना कैसे कर सकते हैं शादी?
हिंदू समाज में बिना तलाक दिए दूसरी शादी नहीं कर सकते, तलाक के बिना दूसरी शादी के लिए बस एक ही रास्ता है वह है आपसी समझ। अगर पहली पत्नी को कोई विरोध नहीं तो आप दूसरी शादी कर सकते हैं, इसके लिए पत्नियों के साथ समान रूप से प्यार और सम्मान के साथ व्यवहार किया जाए। और पूरी तरह से जिम्मेदारी ली जाए।
संघमित्रा मौर्य का क्या है पूरा मामला
सुशांद गोल्फ सिटी निवासी दीपक कुमार स्वर्णकार के अनुसार उनकी शादी संघमित्रा मौर्य से हुई है, जिसे वो नकार रही हैं। उनके पिता स्वामी प्रसाद मौर्य धमकी दे रहे हैं। दीपक कुमार की ओर से इसी मामले में कोर्ट में वाद दायर हुआ था।
संघमित्रा मौर्य लिव इन रिलेशनशिप में रही
दीपक कुमार का आरोप है कि बदायूं सांसद संघमित्रा मौर्य और वह 2016 में लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे थे। साथ ही यह भी बताया गया कि संघमित्रा का पहले विवाह के बाद तलाक हो चुका है। दीपक के अनुसार, 3 जनवरी 2019 को उन्होंने संघमित्रा के घर में उनसे शादी कर ली। बाद में जब पता चला तो शादी की बात उजागर न होने पाए इसलिए जानलेवा हमला कराया गया। जिसको लेकर वादी कोर्ट चला गया। तीन बार समन, दो बार जमानती वारंट और एक बार गैर जमानती वारंट जारी किया गया, लेकिन दोनों हाजिर नहीं हुए। एमपीएमएलए कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 27 अगस्त को तय की है।