MPPSC के पेपर में बवाल वाला सवाल:पूछा- क्या कश्मीर पाकिस्तान को दे देना चाहिए? चेयरमैन बोले…
मध्यप्रदेश। मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग यानी MPPSC की परीक्षा में कश्मीर पर विवादित सवाल पूछे जाने पर बवाल हो गया है। MPPSC के 19 जून को हुए प्रीलिम्स एग्जाम में पूछा गया था- क्या भारत को कश्मीर को पाकिस्तान को दे देने का निर्णय कर लेना चाहिए? कांग्रेस ने इस मामले में जिम्मेदारों पर राष्ट्रद्रोह का केस दर्ज करने की मांग की है। वहीं,प्रदेश के गृहमंत्री ने जांच की बात कही है।
इधर, विवाद बढ़ने के बाद MPPSC के चेयरमैन डॉ. राकेश लाल मेहरा ने कहा है कि विवादित सवाल के नंबर काउंट नहीं किए जाएंगे। उन्होंने परीक्षा के बाकी सवालों पर भी आपत्तियां बुलाने की बात कही है। खबर में आगे बढ़ने से पहले आप MPPSC में पूछे गए विवादित सवाल का स्क्रीनशॉट देखिए..
गृहमंत्री ने भी माना आपत्तिजनक, एक्शन के लिए चिट्ठी लिखी
MP के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी इस सवाल को आपत्तिजनक माना है। उन्होंने हुए पेपर सेट करने वाले दो लोगों पर कार्रवाई के लिए PSC और उच्च शिक्षा विभाग को चिट्ठी लिखने की बात कही है। इधर,कांग्रेस विचार विभाग के अध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने कहा है कि सरकार बताए कि इस तरह के राष्ट्रद्रोही प्रश्नों के पीछे PSC प्रशासन का क्या एजेंडा है?
चेयरमैन बोले- एक्सपर्ट-मॉडरेटर पर एक्शन, पर नाम गोपनीय
MPPSC के चेयरमैन ने कहा कि आपत्तिजनक प्रश्न को पेपर से डिलीट कर दिया गया है। पेपर सेट करने वाले एक्सपर्ट और मॉडरेटर को आजीवन डिबार कर दिया गया है। इनसे आगे कभी काम नहीं लिया जाएगा। हालांकि, जिनके खिलाफ कार्रवाई की गई है, उनके नाम गोपनीय रखे जाएंगे। इस बीच जानकारी मिली है कि पेपर सेट करने वाले ये लोग महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के हैं।
चेयरमैन ने यह भी कहा कि चूंकि यह सवाल काउंटिंग में नहीं आएगा, इसलिए किसी कैंडिडेट का नुकसान नहीं होगा। MPPSC अब बाकी सवालों पर भी आपत्ति बुलाएगा। इसमें वैधानिक तथ्यों पर परामर्श लेकर जल्द ही आगे का प्रोसेस शुरू किया जाएगा।
MPPSC के चेयरमैन मेहरा ने बताया कि पहले पेपर सेटर क्वेश्चन पेपर बनाता है। इसके बाद मॉडरेटर उस प्रश्न पत्र का परीक्षण करता है। इसके बाद सीलबंद कर पेपर को सीधे प्रिंटिंग के लिए प्रेस में भेज दिया जाता है। इसमें चेयरमैन और कंट्रोलर का दखल नहीं होता है।
19 जून को 944 सेंटर्स पर हुई थी MPPSC की परीक्षा
MPPSC की राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा-2021 मध्य प्रदेश के सभी जिलों में 944 सेंटर पर हुई थी। इसके लिए कुल 3 लाख 54 हजार कैंडिडेट्स ने आवेदन किया था। पहले यह परीक्षा 9 फरवरी 2022 को होनी थी, लेकिन इसकी तारीख बदलकर 19 जून तय कर दी गई थी।
पहले भी PSC के सवाल पर हो चुका बवाल
मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की 12 जनवरी 2020 को हुई राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा-2019 में भी भील जनजाति के संबंध में पूछे गए सवालों को लेकर खूब बवाल मचा था। तब प्रदेश में कमलनाथ की सरकार थी। विपक्ष में रहते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कार्रवाई की मांग कर डाली थी।
तब CM रहे कमलनाथ ने जांच के आदेश देकर बयान जारी किया था- इस निंदनीय कार्य के लिए दोषियों को दंड मिलना चाहिए। इसके बाद भील जनजाति से जुड़े पांचों प्रश्न हटा दिए गए थे। MPPSC को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सफाई देनी पड़ी थी।
MPPSC की 2019 और 2020 के रिजल्ट अटके
राज्य सेवा परीक्षा-2019 क्लियर करने के बाद 1918 कैंडिडेंट्स को इंटरव्यू का इंतजार था,लेकिन हाईकोर्ट के एक फैसले के बाद कैंडिडेट्स के इंटरव्यू नहीं हो सके। अब राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा-2019 का रिजल्ट रिवाइज होगा। इसके बाद मुख्य परीक्षा दोबारा से होगी। तब जाकर इंटरव्यू की प्रोसेस आगे बढ़ेगी।
मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग की राज्य सेवा परीक्षा-2022 भी अटकी हुई है। उम्मीदवार इसकी मुख्य परीक्षा के रिजल्ट का इंतजार कर रहे हैं। आयोग का कहना है कि अभी इसका मूल्यांकन किया जा रहा है।