आईआईवीआर की 27वीं शोध परामर्शदात्री समिति बैठक संपन्न

आईआईवीआर की 27वीं शोध परामर्शदात्री समिति बैठक संपन्न

पर्यावरण अनुकूल सब्जी उत्पादन एवं निर्यात गुणवत्ता पर जोर

rajeshswari

वाराणसी (जनवार्ता) । भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान (आईआईवीआर) की 27वीं शोध परामर्शदात्री समिति (आरएसी) की बैठक गुरुवार को संस्थान सभागार में ‘वंदे मातरम’ गान के साथ प्रारंभ हुई। बैठक में वैश्विक पोषण आवश्यकताओं के अनुरूप सब्जी फसलों पर शोध, पर्यावरण अनुकूल उत्पादन, रोग प्रतिरक्षण और निर्यात योग्य गुणवत्ता सुधार पर विशेष बल दिया गया।

संस्थान निदेशक डॉ. राजेश कुमार ने आरएसी अध्यक्ष डॉ. के.ई. लवांडे, आईसीएआर सहायक महानिदेशक डॉ. सुधाकर पांडेय एवं अन्य सदस्यों का स्वागत करते हुए 2024-25 की उपलब्धियों की समीक्षा प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि संस्थान ने 16 परंपरागत एवं हाइब्रिड सब्जी किस्में विकसित कीं, 7 नवीन किस्मों को लाइसेंस दिया तथा कुल 123 कंपनियों से लाइसेंस समझौते किए। आईसीएआर एवं अन्य नियामक एजेंसियों से कई प्रौद्योगिकियों को मान्यता मिली।

किसान कल्याण के तहत 36 प्रशिक्षण कार्यक्रम, 80 से अधिक एक्सपोजर विजिट आयोजित कर 4500 से ज्यादा किसानों को लाभ पहुंचाया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा समर्पित 109 फसल किस्मों में आईआईवीआर की ‘काशी सुभ्रा’ एवं ‘काशी बीनी सेम’ शामिल हैं। संस्थान के वैज्ञानिक विश्व के शीर्ष 2 प्रतिशत वैज्ञानिकों की सूची में स्थान बना चुके हैं तथा नास की फेलोशिप प्राप्त की है।

*विशेषज्ञों के सुझाव*

आरएसी अध्यक्ष डॉ. लवांडे ने निर्यात गुणवत्ता वाली सब्जियों—मिर्च, टमाटर, भिंडी, करेला एवं मटर—पर डेटा संग्रह एवं शोध को प्राथमिकता देने का आग्रह किया। डॉ. सुधाकर पांडेय ने प्रति व्यक्ति 400 ग्राम सब्जी की पोषण सुरक्षा आवश्यकता पर जोर देते हुए उपलब्धता सुनिश्चित करने की बात कही।

डॉ. सुरिन्दर टिक्कू ने पूर्व प्रजनन तकनीकों से रोग प्रतिरोधिता एवं गुणवत्ता सुधार की सलाह दी। डॉ. जी.एस. साहू ने निर्यात हेतु विषय विशेषज्ञ वैज्ञानिकों का समूह गठित करने, डॉ. आर.के. पाल ने जैव रासायनिक मानकों के निर्धारण तथा डॉ. एस. श्रीराम ने विषाणु जनित रोगों एवं ब्लैक थ्रिप्स प्रबंधन पर नवीन शोध की आवश्यकता बताई। विशेषज्ञों ने देशभर के पौध प्रजनन वैज्ञानिकों के ‘वर्किंग ग्रुप’ से सब्जी किस्म विकास पर फोकस करने का सुझाव दिया।

इसे भी पढ़े   फिरोजाबाद में 2 करोड़ की लूट का खुलासा: दो पुलिसकर्मी गिरफ्तार

विभागीय प्रस्तुतियों में डॉ. नागेंद्र राय (फसल उन्नयन) ने जीनोम एडिटिंग एवं सूक्ष्मजीव उत्प्रेरकों, डॉ. अनंत बहादुर (फसल उत्पादन) ने ब्रीमैटो-पोमटो जैसे नवाचारों, डॉ. ए.एन. सिंह (फसल सुरक्षा) ने आईपीएम तकनीकों तथा डॉ. नीरज सिंह (प्रौद्योगिकी प्रसार) ने एससी/एसटी उपयोजना एवं पूर्वोत्तर क्षेत्रों में कार्यक्रमों की जानकारी दी।

बैठक का संचालन मेंबर सेक्रेटरी डॉ. अरविंद नाथ सिंह ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ. केशव गौतम ने किया।

Shiv murti

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *