काशी तमिल संगमम् में बच्चों का जोश चरम पर

काशी तमिल संगमम् में बच्चों का जोश चरम पर

योग, पुस्तक कवर डिज़ाइन और डिजिटल लर्निंग ने बांधा समां

rajeshswari

वाराणसी (जनवार्ता) । काशी तमिल संगमम् 4.0 के चौथे दिन बच्चों के लिए आयोजित कार्यक्रमों में उत्साह इस कदर छा गया कि पूरा पंडाल तालियों और हंसी-खुशी से गूंजता रहा। शुक्रवार की थीम “तमिल करकलाम” (तमिल सीखें) के तहत नेशनल बुक ट्रस्ट (एनबीटी), इंडिया ने बच्चों के लिए योग, क्रिएटिव डिज़ाइन और डिजिटल लर्निंग से भरपूर कई रोचक सत्र आयोजित किए।

सुबह-सुबह प्रशिक्षक आशीष ने “चलो, योग करें” सत्र में सैकड़ों बच्चों को योगासन सिखाए। ताड़ासन से लेकर वृक्षासन तक बच्चे पूरी ऊर्जा और संतुलन के साथ आसन करते नजर आए। बच्चों ने बताया कि योग से उनकी एकाग्रता और ताकत दोनों बढ़ रही है।

इसके बाद “आओ, पुस्तक का कवर डिज़ाइन करें” प्रतियोगिता में छोटे-छोटे कलाकारों ने कमाल कर दिया। रंग-बिरंगे क्रेयॉन, स्केच पेन और अपनी अनोखी कल्पना से बच्चों ने ऐसे पुस्तक कवर बनाए कि देखने वाले दंग रह गए। कई बच्चों ने तमिल और काशी की सांस्कृतिक झलक अपने डिज़ाइन में उकेरी तो कई ने पर्यावरण, विज्ञान और सपनों को रंग दिया।

दिन के तीसरे सत्र में बच्चों को राष्ट्रीय ई-पुस्तकालय  से रू-रू कराया गया। यहां उन्हें बताया गया कि कैसे घर बैठे लाखों ई-बुक्स, ऑडियो बुक्स और शैक्षिक सामग्री मुफ्त में पढ़ी जा सकती है। बच्चों ने तुरंत अपने मोबाइल पर ऐप डाउनलोड करना शुरू कर दिया और कई ने वहीं बैठे-बैठे पहली ई-बुक खोल ली।

काशी तमिल संगमम् के इस चौथे दिन बच्चे सचमुच “तमिल करकलाम” के साथ-साथ योग, कला और डिजिटल दुनिया भी सीखकर लौटे।

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Shiv murti

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