वाराणसी जेल में भ्रष्टाचार : पान मसाला 5 गुना, सिगरेट 4 गुना, गांजा 500 तक; अच्छी बैरक के लिए 25 हजार तक वसूली

वाराणसी जेल में भ्रष्टाचार : पान मसाला 5 गुना, सिगरेट 4 गुना, गांजा 500 तक; अच्छी बैरक के लिए 25 हजार तक वसूली

वाराणसी (जनवार्ता) : समाजिक कार्यकर्ता एवं आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने वाराणसी जेल में व्याप्त गंभीर भ्रष्टाचार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर जेल के अंदर नशीले पदार्थ, मोबाइल फोन, बेहतर बैरक और मुलाकात के नाम पर हो रही भारी वसूली की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।

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मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट्स के हवाले से अमिताभ ठाकुर ने बताया कि वाराणसी जेल परिसर में खुलेआम प्रतिबंधित सामान बेचा जा रहा है। दो रुपये का पान मसाला दस रुपये में, दस रुपये की सिगरेट तीस से चालीस रुपये में, पांच रुपये की सुरती की पुड़िया पंद्रह से बीस रुपये में और गांजे की पुड़िया सौ से पांच सौ रुपये तक बेची जा रही है।

जेल कैंटीन में भी मनमानी की जा रही है। दस रुपये का टूथपेस्ट तीस से पैंतीस रुपये में, दस रुपये का बिस्किट पैकेट पचास रुपये में और दस रुपये का छोटा साबुन चालीस रुपये में बेचा जा रहा है।

बेहतर सुविधाओं के लिए अलग रेट लिस्ट चल रही है। महीने भर का स्वादिष्ट खाना पांच सौ रुपये, अच्छी बैरक के लिए दस हजार से पच्चीस हजार रुपये तक और सोने की जगह के लिए तीन हजार से पांच हजार रुपये तक वसूले जा रहे हैं। नियम के मुताबिक कैदियों को उनके नाम के पहले अक्षर के आधार पर बैरक में रखा जाना चाहिए, लेकिन इसका खुला उल्लंघन हो रहा है।

बाहर जमा कराए गए पैसों में से बड़ा हिस्सा जेल स्टाफ हड़प लेता है। मोबाइल फोन, चार्जर जैसे प्रतिबंधित सामान पहुंचाने के लिए हजारों रुपये लिए जा रहे हैं। मुलाकात के नाम पर हर परिजन से पांच सौ से एक हजार रुपये तक वसूले जा रहे हैं और प्रतिदिन 170 से 180 मुलाकातें हो रही हैं।

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अमिताभ ठाकुर ने बताया कि उन्होंने खुद लखनऊ जेल में सात महीने बिताए और ये सारी गतिविधियां अपनी आंखों से देखीं। उस समय भी उन्होंने शिकायत की थी, लेकिन जेल विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों ने सब दबा दिया।

उन्होंने वाराणसी जेल अधीक्षक सौरभ श्रीवास्तव और डीआईजी जेल राजेश श्रीवास्तव को तत्काल हटाकर किसी वरिष्ठ आईएएस अधिकारी से निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है।

अमिताभ ठाकुर ने कहा, “जेल सुधार गृह है, लूट गृह नहीं। कैदियों के साथ हो रहा यह अमानवीय व्यवहार तुरंत बंद होना चाहिए।”

Shiv murti

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