ईएसआईसी अस्पताल : एंबुलेंस चालक ने 500 मीटर के लिए मांगे 1500 रुपये
शव टोटो से ले गए परिजन, दवा काउंटर बंद कर भागे कर्मचारी

वाराणसी (जनवार्ता) । पांडेयपुर स्थित कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में मंगलवार को मरीजों और तीमारदारों ने जमकर हंगामा किया। आरोप है कि मरीजों को आधी-अधूरी दवाएं मिल रही हैं, उचित इलाज नहीं हो रहा और कर्मचारी-चिकित्सक लंच के नाम पर एक साथ गायब हो जाते हैं। सबसे गंभीर मामला एक वृद्ध महिला के शव को मात्र 500 मीटर दूर ले जाने के लिए एंबुलेंस चालक द्वारा 1500 रुपये किराया मांगने का सामने आया, जिससे परेशान परिजनों को शव टोटो रिक्शा से ले जाना पड़ा।

कैंट थाना क्षेत्र के सरसौली, भोजुबीर निवासी वृद्ध महिला का अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया। परिजनों ने एंबुलेंस चालक से शव घर पहुंचाने की गुहार लगाई और उचित किराया देने की बात कही, लेकिन चालक 1500 रुपये पर अड़े रहे। घंटों इमरजेंसी वार्ड में शव पड़े रहने के बाद परिजनों ने टोटो बुलाकर शव ले गए। इस घटना से परिजनों में गहरा रोष है। उन्होंने कहा, “सरकारी व्यवस्था यदि ऐसी रही तो अच्छे इलाज के दावे खोखले साबित हो रहे हैं।”

दूसरी ओर, दोपहर में सैकड़ों मरीज दवा काउंटर पर लाइन में लगे थे, तभी बिना सूचना के काउंटर कर्मचारी चले गए। इससे हंगामा मच गया। मरीजों का कहना है कि दवाएं पूरी नहीं मिलतीं, काउंटर समय से पहले बंद हो जाता है और परिजन भूखे-प्यासे इंतजार करते रहते हैं। अस्पताल प्रबंधक से शिकायत करने पर उन्होंने दवा अनुपलब्धता, कर्मचारियों की कमी और काउंटर की कमी का हवाला देकर पल्ला झाड़ लिया।
मरीजों ने आरोप लगाया कि दोपहर 1 से 2 बजे लंच के समय सभी चिकित्सक, कर्मचारी और सुरक्षाकर्मी एक साथ गायब हो जाते हैं, जबकि नियम के मुताबिक आधे को ड्यूटी पर रहना चाहिए। इससे मरीज इधर-उधर भटकते नजर आते हैं, जबकि स्टाफ मौज-मस्ती में डूबा रहता है। हंगामा लाइन लगाने, कम दवा मिलने, टोकन और दुर्व्यवहार को लेकर आये दिन होता रहता है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र का यह अस्पताल होने के बावजूद ऐसी खामियां चौंकाने वाली हैं। मरीजों ने सरकार से तत्काल सुधार की मांग की है।

