भारत के जन जन तक चिट्ठियों पार्सलों के साथ भावनायेंपहुचाता है इंडिया पोस्ट: कर्नल विनोद
वाराणसी (जनवार्ता) । “विश्व डाक दिवस” का आयोजन पूरे वाराणसी परिक्षेत्र के सभी डाक मंडलों एवं डाकघरों में गुरुवार को हर्षोल्लासपूर्वक एवं गरिमामय ढंग से मनाया गया। इस अवसर पर डाक सेवाओं के ऐतिहासिक महत्व, देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में डाक विभाग की भूमिका, और नागरिक केंद्रित सेवाओं के प्रति विभाग की निरंतर प्रतिबद्धता पर विशेष चर्चा की गई।
मुख्य समारोह का आयोजन कर्नल विनोद कुमार, पोस्टमास्टर जनरल, वाराणसी परिक्षेत्र के नेतृत्व में किया गया। इस अवसर पर उन्होंने एक पदयात्रा का शुभारंभ किया, जो नमो घाट से प्रारंभ होकर राजघाट, मछोदरी मार्ग से होते हुए वाराणसी प्रधान डाकघर में संपन्न हुई। पदयात्रा में बड़ी संख्या में डाक अधिकारी, कर्मचारी शामिल हुए। इस यात्रा का उद्देश्य जन-जन तक डाक सेवाओं के महत्व एवं आधुनिक स्वरूप को पहुँचाना था।
कर्नल विनोद कुमार ने कहा कि “विश्व डाक दिवस न केवल डाक सेवाओं की गौरवशाली परंपरा का प्रतीक है, बल्कि यह दिन हमें सेवा, विश्वास और नवाचार की भावना को और मजबूत करने की प्रेरणा देता है और इंडिया पोस्ट भारत के जन जन तक चिट्ठियों पार्सलों के साथ भावनायें पहुचाता है। इंडिया पोस्ट आज के भारत यानी ‘डिजिटल इंडिया’ की दिशा में आगे बढ़ रहा है, और डाक विभाग इस परिवर्तन का अभिन्न अंग बन चुका है — चाहे बात इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक की हो, या ग्रामीण क्षेत्रों तक वित्तीय समावेशन की। उन्होंने आगे कहा कि डाक विभाग न केवल पत्र वितरण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आज नागरिक सेवाओं, बीमा, बैंकिंग, ई-कॉमर्स वितरण और सामाजिक योजनाओं के क्रियान्वयन में भी अहम भूमिका निभा रहा है।
इसके अलावा “विश्व डाक दिवस” के अवसर पर कर्नल विनोद द्वारा डाक विभाग की कॉलोनी परिसर में “एक पेड़ माँ के नाम’ वृक्षारोपण किया गया जिसमें फलों के अनेक पेड़ लगाये गए।
इस अवसर पर श्री परमानन्द कुमार सहायक निदेशक ,श्री राजीव कुमार, प्रवर अधीक्षक डाकघर, वाराणसी पूर्वी मंडल,श्री सुरेश चंद, अधीक्षक डाकघर, वाराणसी पश्चिम मंडल,श्री प्लाबन नश्कर, वरिष्ठ लेखाधिकारी, श्री राजीव कुमार श्रीवास्तव, सीनियर पोस्टमास्टर ,सुश्री पल्लवी मिश्रा, सहायक अधीक्षक डाकघर,सुश्री पूजा गुप्ता, सहायक लेखाधिकारी,विभिन्न निरीक्षकगण एवं सभी कर्मचारियों ने “सेवा, विश्वास और नवाचार” के संकल्प को दोहराते हुए डाक विभाग की जनसेवा परंपरा को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया।
कर्नल विनोद ने कहा कि “विश्व डाक दिवस” हमें यह याद दिलाता है कि किस प्रकार डाक विभाग ने देश के हर नागरिक तक संपर्क, संचार और सेवा पहुँचाने में अमूल्य योगदान दिया है। आज भी ग्रामीण भारत में डाकघर “सेवा के केंद्र” के रूप में कार्य कर रहे हैं — जहाँ बैंकिंग, बीमा, सरकारी योजनाओं की जानकारी और नागरिक सहायता एक ही छत के नीचे उपलब्ध होती है।