बिजली कर्मियों का निजीकरण के विरोध में आज से चलेगा “पॉवर सेक्टर छोड़ो” अभियान
वाराणसी (जनवार्ता)। उत्तर प्रदेश विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले बुधवार को दूसरे दिन भी बनारस के समस्त बिजली कार्यालयों पर शाम 5 बजे के बाद निजीकरण व उत्पीड़नात्मक कार्रवाई के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन हुआ। यह आंदोलन कल भी जारी रहेगा।
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि निजीकरण से बिजली व्यवस्था चरमरा रही है। निर्दोष संविदाकर्मियों की बर्खास्तगी, हजारों कर्मियों का ट्रांसफर और निजीकरण के प्रस्तावों ने कार्यकर्ताओं का मनोबल तोड़ा है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब रीडिंग से लेकर मीटर तक का कार्य पहले से ही निजी कंपनियों के पास है तो उपभोक्ता संतुष्ट क्यों नहीं हैं?
वक्ताओं ने कहा कि यदि निजी कंपनियां बेहतर होतीं तो मध्यप्रदेश, बिहार और हिमाचल में इनके प्रस्ताव रद्द क्यों होते? निजी कंपनियों के आने से उपभोक्ताओं का शोषण तय है और जनप्रतिनिधियों का भी नियंत्रण समाप्त हो जाएगा।
संघर्ष समिति ने 8 अगस्त से “कार्पोरेट घरानों – पॉवर सेक्टर छोड़ो” अभियान शुरू करने की घोषणा की है, जो 15 अगस्त तक चलेगा। इस दौरान बिजली कर्मी तिरंगा लेकर आमजन को निजीकरण के दुष्परिणामों से अवगत कराएंगे।
समिति ने मुख्यमंत्री से पुनः अपील की है कि घोटालों में संलिप्त निदेशक (वित्त) श्री निधि नारंग को सेवा विस्तार न दिया जाए। उन पर गोपनीय दस्तावेज लीक करने जैसे गंभीर आरोप भी लगाए गए हैं।
आज के प्रदर्शन का नेतृत्व ई. एस.के. सिंह, ई. विजय सिंह, राजेन्द्र सिंह, अंकुर पांडेय, रमेश यादव, आदित्य पांडेय समेत दर्जनों पदाधिकारियों ने किया।