प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वाराणसी में दलहन मिशन और प्राकृतिक खेती पर दिया जोर

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वाराणसी में दलहन मिशन और प्राकृतिक खेती पर दिया जोर

वाराणसी (जनवार्ता)  : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को नई दिल्ली के पूसा परिसर से वर्चुअल माध्यम से प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना* पल्स (दलहन) आत्मनिर्भर मिशन राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन कृषि आधारभूत संरचना कोष और किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के गठन का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने देशभर के किसानों, कृषि वैज्ञानिकों और एफपीओ प्रतिनिधियों से संवाद किया। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण *आईसीएआर-भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान वाराणसी में किया गया, जहाँ राज्य मंत्री (आयुष विभाग एवं खाद्य सुरक्षा, स्वतंत्र प्रभार) डॉ. दयाशंकर मिश्रा “दयालु”* मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।

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डॉ. मिश्रा ने कहा कि जीएसटी दरों में कटौती से कृषि यंत्र सस्ते हुए हैं, जिससे संरक्षित खेती और अल्पदोहित सब्जियों की खेती को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने बताया कि दलहन आत्मनिर्भर मिशन 2025-26 से 2030-31 तक लागू रहेगा, जिसकी लागत *11,440 करोड़  है। इसका लक्ष्य भारत को दलहन उत्पादन में पूर्ण आत्मनिर्भर बनाना है। संस्थान के निदेशक डॉ. राजेश कुमार ने कहा कि ये योजनाएँ किसानों की समृद्धि और कृषि उत्पादकता बढ़ाने की दिशा में ऐतिहासिक हैं। प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना देश के 100 कम उत्पादक जिलों में लागू होगी, जिसमें उत्तर प्रदेश के 12 जिले शामिल हैं।

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि भारत दालों का सबसे बड़ा उत्पादक और उपभोक्ता होने के बावजूद आयात पर निर्भर है। दलहन मिशन उत्पादन, उत्पादकता और खेती के रकबे को बढ़ाने के लिए शुरू किया गया है। राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता कम कर जैविक और पर्यावरण-अनुकूल खेती को बढ़ावा देगा।

कार्यक्रम में 713 से अधिक किसान, वैज्ञानिक और छात्र शामिल हुए। डॉ. नीरज सिंह, डॉ. राकेश कुमार दुबे, डॉ. हरे कृष्णा, डॉ. डी.पी. सिंह, डॉ. सुदर्शन मौर्या और डॉ. आत्मानंद त्रिपाठी ने विभिन्न विषयों पर जागरूकता सत्र आयोजित किए। किसानों को बीज किट और तकनीकी पुस्तिकाएँ वितरित की गईं।

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किसानों ने प्रधानमंत्री के संदेश को प्रेरणादायी बताया और इन योजनाओं को कृषि क्षेत्र में नई ऊर्जा देने वाला कदम करार दिया। समापन पर डॉ. नागेन्द्र राय, अध्यक्ष, सब्जी उन्नयन विभाग, ने कहा कि ये योजनाएँ भारतीय कृषि को सशक्त, आत्मनिर्भर और टिकाऊ बनाने में मील का पत्थर सिद्ध होंगी।

Shiv murti

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