ज्ञानवापी मामले में वाद मित्र की नियुक्ति पर सवाल, रिवीजन याचिका पर 1 दिसंबर को अगली सुनवाई
वाराणसी (जनवार्ता) । ज्ञानवापी-शृंगार गौरी मामले में वर्ष 1991 के मूल वाद में नियुक्त वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी की नियुक्ति को चुनौती देने वाली रिवीजन याचिका पर बुधवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (सप्तम) विकास कुमार की अदालत में सुनवाई हुई।

याचिकाकर्ता की ओर से अदालत से मामले की मूल पत्रावली तलब करने का अनुरोध किया गया। साथ ही विपक्ष की आपत्ति के जवाब में प्रति-आपत्ति भी दाखिल की गई। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अगली सुनवाई के लिए 1 दिसंबर की तारीख तय की है।
याचिका में कहा गया है कि 11 अक्टूबर 2019 को जिला जज के आदेश से विजय शंकर रस्तोगी को वाद मित्र नियुक्त किया गया था, लेकिन यह नियुक्ति एकतरफा, बिना पारदर्शिता और बिना सार्वजनिक सूचना के की गई। याचिकाकर्ता का दावा है कि रस्तोगी पहले वादी पक्ष के अधिवक्ता रह चुके हैं, जिससे हितों का टकराव (conflict of interest) पैदा होता है।
ज्ञानवापी मामले में यह रिवीजन याचिका मुस्लिम पक्ष की ओर से दाखिल की गई है। मामले की अगली सुनवाई अब 1 दिसंबर को होगी।

