ध्यान मैया जी के चरणों में लगाले

ध्यान मैया जी के चरणों में लगाले

“ध्यान मैया जी के चरणों में लगाले” — यह पंक्ति उस भक्ति-भाव का अनुभव कराती है जिसमें व्यक्ति जीवन की उलझनों और चिंताओं से मुक्ति पाकर माँ के चरणों में शरण लेता है। माँ के चरणों में ध्यान लगाने से मन की बेचैनी शांत होती है और भीतर एक दिव्य ऊर्जा जागती है। यह भाव हमें सिखाता है कि माँ की ममता और संरक्षण में बैठकर मन को वह सहारा मिलता है जो दुनिया कहीं नहीं दे सकती। जब हम सच में अपने मन को माँ के चरणों में समर्पित कर देते हैं, तो जीवन सरल और हल्का महसूस होने लगता है।

rajeshswari

झूठी दुनिया से मन को हटाले,
ध्यान मैया जी के चरणों में लगाले,
नसीबा तेरा जाग जाएगा,
नसीबा तेरा जाग जाएगा…..

सच्चा है दरबार यहाँ माँ अम्बे का,
मिलता है प्यार यहाँ जगदम्बे का ||

रहोगे दूर चरणों से तो खोना ही खोना,
वह पीतल ही पीतल है यहाँ सोना ही सोना है,
नसीबा जगाना है तो माँ के चरणों की शरण में आओ,
और बोलो जय माता दी,
झूठे संसार का तो चलन अनोखा है,
पग पग मिले यहाँ धोखा ही धोखा है,
पग पग मिले यहाँ धोखा ही धोखा है,
मान जाएगी तू मैया को मनाले,
ज्योत माँ की तू प्रेम से जगा ले,
नसीबा तेरा जाग जाएगा,
लख्या नसीबा तेरा जाग जाएगा…..

सच्चा है दरबार यहाँ माँ अम्बे का,
मिलता है प्यार यहाँ जगदम्बे का ||

माल तेरे पास है तो माल तेरा खायेंगे,
हुआ जो ख़तम तो नजर नही आयेंगे,
हुआ जो ख़तम तो नजर नही आयेंगे,
महामाई को तू अपना बना ले,
प्यार माँ का अनूठा है तू पाले,
नसीबा तेरा जाग जाएगा,
ओये भक्ता नसीबा तेरा जाग जाएगा…..

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सच्चा है दरबार यहाँ माँ अम्बे का,
मिलता है प्यार यहाँ जगदम्बे का ||

शेरावाली मैया मेरी ममता की खान है,
भक्तो को प्यार देती बड़ी ही महान है,
भक्तो को प्यार देती बड़ी ही महान है,
हाथ इनका तू सर पे धरा ले,
काम फिर चाहे कुछ भी करा ले,
नसीबा तेरा जाग जाएगा,
ओये लख्या नसीबा तेरा जाग जाएगा……

सच्चा है दरबार यहाँ माँ अम्बे का,
मिलता है प्यार यहाँ जगदम्बे का ||

श्यामसुन्दर मैया तेरे चरणों का दीवाना है,
सारा जग झूठा सच्चा तेरा माँ ठिकाना है,
सारा जग झूठा सच्चा तेरा माँ ठिकाना है,
मातृदत लो चरणों में लगा ले,
लख्खा बिगड़ी हुई को बनाले,
नसीबा तेरा जाग जाएगा,
ओये लख्या नसीबा तेरा जाग जाएगा…..

सच्चा है दरबार यहाँ माँ अम्बे का,
मिलता है प्यार यहाँ जगदम्बे का ||

“माँ के चरणों में ध्यान” लगाने की विधि

  1. समय: सुबह का शांत समय या रात का शांत माहौल ध्यान के लिए सर्वोत्तम है।
  2. स्थान: घर के मंदिर या किसी शांत जगह पर बैठें।
  3. सामग्री: दीपक, धूप, फूल और माँ की तस्वीर/मूर्ति।
  4. प्रारंभ: आँखें बंद करें और तीन गहरी सांस लें।
  5. ध्यान:
    धीरे-धीरे मन में दोहराएँ —
    “ध्यान मैया जी के चरणों में लगाले…”
    माँ के चरणों की कल्पना करें और मन को वहीं टिकाएँ।
  6. समापन: माँ से शांति, संरक्षण और आशीर्वाद की प्रार्थना करें।

ध्यान से मिलने वाले लाभ

  • मानसिक शांति और तनाव से मुक्ति मिलती है।
  • नकारात्मक विचार कम होकर सकारात्मकता बढ़ती है।
  • भावनात्मक संतुलन और आत्मविश्वास बढ़ता है।
  • मन में स्थिरता, एकाग्रता और आध्यात्मिक ऊर्जा आती है।
  • माँ का संरक्षण और आशीर्वाद जीवन को सुरक्षित बनाता है।
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निष्कर्ष

“ध्यान मैया जी के चरणों में लगाले” — यह पंक्ति हमें याद दिलाती है कि माँ के चरणों में बैठकर ही जीवन की असली शांति और संतुलन प्राप्त होता है। जब हम मन को माँ के पास ले जाते हैं, तो चिंताएँ स्वयं ही दूर हो जाती हैं और जीवन में एक नई रोशनी प्रवेश करती है। माँ के चरणों का ध्यान न केवल भक्ति का मार्ग है, बल्कि आत्मिक शक्ति का स्रोत भी है। जो व्यक्ति सच में माँ को समर्पित हो जाता है, उसके जीवन में सुख, शांति और सुरक्षा का प्रवाह निरंतर बना रहता है।

Shiv murti

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