विंधेश्वरी चालीसा लिरिक्स: माता की कृपा और जीवन में सुरक्षा पाने का दिव्य साधन
मां विंधेश्वरी देवी शक्ति का एक विशेष रूप हैं, जिन्हें माता पार्वती का स्वरूप माना जाता है। Vindheshwari Chalisa Lyrics का पाठ भक्तों के जीवन में शांति, सुरक्षा और सकारात्मक ऊर्जा लाता है। श्रद्धा और भक्ति भाव के साथ चालीसा का पाठ करने से न केवल मानसिक संतुलन आता है, बल्कि जीवन की कठिनाइयाँ सरल और सहज हो जाती हैं। यहां आपके लिए विंधेश्वरी चालीसा लिरिक्स दी गई है-
Vindheshwari Chalisa Lyrics
दोहा
नमो नमो विन्ध्येश्वरी, नमो नमो जगदम्ब।
सन्तजनों के काज में, करती नहीं विलम्ब॥
चालीसा
जय जय जय विन्ध्याचल रानी।
आदिशक्ति जगविदित भवानी॥
सिंहवाहिनी जै जगमाता।
जै जै जै त्रिभुवन सुखदाता॥
कष्ट निवारण जै जगदेवी।
जै जै सन्त असुर सुर सेवी॥
महिमा अमित अपार तुम्हारी।
शेष सहस मुख वर्णत हारी॥
दीनन को दु:ख हरत भवानी।
नहिं देखो तुम सम कोउ दानी॥
सब कर मनसा पुरवत माता।
महिमा अमित जगत विख्याता॥
जो जन ध्यान तुम्हारो लावै।
सो तुरतहि वांछित फल पावै॥
तुम्हीं वैष्णवी तुम्हीं रुद्रानी।
तुम्हीं शारदा अरु ब्रह्मानी॥
रमा राधिका श्यामा काली।
तुम्हीं मातु सन्तन प्रतिपाली॥
उमा माध्वी चण्डी ज्वाला।
वेगि मोहि पर होहु दयाला॥
तुम्हीं हिंगलाज महारानी।
तुम्हीं शीतला अरु विज्ञानी॥
दुर्गा दुर्ग विनाशिनी माता।
तुम्हीं लक्ष्मी जग सुख दाता॥
तुम्हीं जाह्नवी अरु रुद्रानी।
हे मावती अम्ब निर्वानी॥
अष्टभुजी वाराहिनि देवा।
करत विष्णु शिव जाकर सेवा॥
चौंसट्ठी देवी कल्यानी।
गौरि मंगला सब गुनखानी॥
पाटन मुम्बादन्त कुमारी।
भाद्रिकालि सुनि विनय हमारी॥
बज्रधारिणी शोक नाशिनी।
आयु रक्षिनी विन्ध्यवासिनी॥
जया और विजया वैताली।
मातु सुगन्धा अरु विकराली॥
नाम अनन्त तुम्हारि भवानी।
वरनै किमि मानुष अज्ञानी॥
जापर कृपा मातु तब होई।
जो वह करै चाहे मन जोई॥
कृपा करहु मोपर महारानी।
सिद्ध करहु अम्बे मम बानी॥
जो नर धरै मातु कर ध्याना।
ताकर सदा होय कल्याना॥
विपति ताहि सपनेहु नाहिं आवै।
जो देवीकर जाप करावै॥
जो नर कहँ ऋण होय अपारा।
सो नर पाठ करै शत बारा॥
निश्चय ऋण मोचन होई जाई।
जो नर पाठ करै चित लाई॥
अस्तुति जो नर पढ़े पढ़अवे।
या जग में सो बहु सुख पावे॥
जाको व्याधि सतावे भाई।
जाप करत सब दूर पराई॥
जो नर अति बन्दी महँ होई।
बार हजार पाठ करि सोई॥
निश्चय बन्दी ते छुट जाई।
सत्य वचन मम मानहु भाई॥
जापर जो कछु संकट होई।
निश्चय देविहिं सुमिरै सोई॥
जा कहँ पुत्र होय नहिं भाई।
सो नर या विधि करे उपाई॥
पाँच वर्ष जो पाठ करावै।
नौरातन महँ विप्र जिमावै॥
निश्चय होहिं प्रसन्न भवानी।
पुत्र देहिं ता कहँ गुणखानी॥
ध्वजा नारियल आन चढ़ावै।
विधि समेत पूजन करवावै॥
नित प्रति पाठ करै मन लाई।
प्रेम सहित नहिं आन उपाई॥
यह श्री विन्ध्याचल चालीसा।
रंक पढ़त होवे अवनीसा॥
यह जन अचरज मानहु भाई।
कृपा दृश्टि जापर होइ जाई॥
जै जै जै जग मातु भवानी।
कृपा करहु मोहि निज जन जानी॥
चालीसा का पाठ करने की विधि
- स्थान: चालीसा का पाठ स्वच्छ स्थान पर करना शुभ माना जाता है। घर का पूजा स्थल या मंदिर सबसे उपयुक्त रहता है।
- संकल्प: पाठ शुरू करने से पहले अपने मन में संकल्प करें कि आप माता विंधेश्वरी की कृपा पाने के लिए श्रद्धा और भक्ति भाव से चालीसा का पाठ करेंगे।
- चालीसा का पाठ: साफ और आरामदायक आसन पर बैठकर विंधेश्वरी चालीसा लिरिक्स का उच्चारण स्पष्ट और भक्ति भाव के साथ करें। पाठ करते समय दीपक जलाएं और माता की ओर ध्यान केंद्रित रखें।
- प्रसाद: पाठ के आरती करें और हल्का प्रसाद अर्पित कर सभी लोगो में बांटें।
- समापन: पाठ समाप्त होने पर माता को प्रणाम करें और दीपक की लौ को आंखों और माथे से लगाकर आशीर्वाद ग्रहण करें।
चालीसा के दिव्य लाभ
- मानसिक शांति और संतुलन – पाठ करने से मन शांत रहता है और चिंता व तनाव कम होते हैं।
- सकारात्मक ऊर्जा का संचार – पाठ से घर और आसपास का वातावरण पवित्र और ऊर्जावान बनता है।
- साहस और आत्मविश्वास – माता की कृपा से भक्त में साहस और आत्मबल आता है।
- आध्यात्मिक बल – नियमित पाठ से भक्ति भाव गहरा होता है और आत्मा आध्यात्मिक रूप से सशक्त बनती है।
- सफलता, सुख और समृद्धि – पाठ करने से जीवन में सुख, समृद्धि और मंगल आता है और माता का आशीर्वाद सभी कार्यों में सफलता दिलाता है।
Vindheshwari Chalisa Lyrics केवल एक पाठ नहीं है, बल्कि यह भक्ति, शक्ति और सकारात्मक ऊर्जा का दिव्य साधन है। इसे श्रद्धा और भक्ति भाव से नियमित रूप से पढ़ने से मानसिक शांति, साहस, सकारात्मक ऊर्जा और आध्यात्मिक बल मिलता है। श्रद्धा और भक्ति के साथ चालीसा का पाठ करें और माता की कृपा और संरक्षण का अनुभव अपने जीवन में पाएं।