कई साल से इंतजार,वित्त मंत्री को बजट 2024 में 80C की सीमा क्यों बढ़ानी चाहिए?

कई साल से इंतजार,वित्त मंत्री को बजट 2024 में 80C की सीमा क्यों बढ़ानी चाहिए?
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नई दिल्ली। आयकरदाताओं के लिए 80C की धारा में टैक्स कटौती की सीमा को बढ़ाने की मांग एक बार फिर से तेज हो गई है। हर साल बजट से पहले लोग उम्मीद करते हैं कि सरकार इस सीमा को बढ़ाएगी, जो पिछले दस सालों से 1.5 लाख रुपये पर स्थिर है। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए पुराने टैक्स सिस्टम को चुनने वाले व्यक्ति 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स कटौती का लाभ उठा सकते हैं। नए टैक्स सिस्टम में यह विकल्प मौजूद नहीं है। 80C की सीमा को आखिरी बार 2014 में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बढ़ाया था।

80C के तहत आप अलग-अलग तरह के निवेश और खर्चों पर टैक्स कटौती का दावा कर सकते हैं। इसमें जीवन बीमा प्रीमियम, पीपीएफ, ईएलएसएस म्यूचुअल फंड, ट्यूशन फीस, होम लोन के मूलधन का भुगतान आदि शामिल हैं।

क्‍यों बढ़नी चाहिए लिमिट?
हालांकि, पिछले एक दशक में महंगाई और आय में बढ़ोतरी के साथ 80C की सीमा को नाकाफी माना जा रहा है। लोगों का तर्क है कि बढ़ती लागत के चलते 1.5 लाख रुपये की सीमा बहुत जल्दी पूरी हो जाती है।

टैक्स एक्‍सपर्ट्स का कहना है कि 80C की सीमा बढ़ने से लोगों को अपनी बचत बढ़ाने और टैक्स बचाने में मदद मिलेगी। इससे रिटायरमेंट प्लानिंग, बच्चों की शिक्षा और घर खरीदने जैसे वित्तीय लक्ष्यों को हासिल करने में भी सहूलियत होगी।

80C की सीमा बढ़ाने से लोगों पर टैक्स का बोझ कम होगा और उन्हें वित्तीय सुरक्षा का एहसास होगा। महामारी के बाद महंगाई के इस दौर में यह और भी महत्वपूर्ण हो जाता है।

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क्‍लेम करने के लिए क्‍या करना पड़ता है?
80C के तहत कटौती का दावा करने के लिए आपको अपने आयकर रिटर्न (ITR) फॉर्म में निवेश और खर्च का विवरण भरना होता है। आपकी कुल टैक्‍सेबल इनकम की गणना आपकी ओर से की गई कटौतियों को घटाकर की जाती है।

देखना होगा कि क्या वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आम आदमी की इस मांग पर ध्यान देती हैं और आगामी बजट में 80C की सीमा को बढ़ाती हैं या नहीं।


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