JKLF पर क्यों बढ़ाया गया 5 साल का बैन? जानिए पूरी कहानी

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नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) यासीन मलिक गुट पर बड़ा एक्शन हुआ है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) यासीन मलिक गुट पर 5 साल का बैन बढ़ा दिया है। केंद्र सरकार ने JKLF यासीन मलिक गुट को गैरकानूनी संघ घोषित किया है। इसके अलावा मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर पीपुल्स फ्रीडम लीग को भी बैन किया है। जम्मू-कश्मीर पीपुल्स फ्रीडम पर अलगाव को बढ़ावा देने का आरोप है।

मोहम्मद यासीन मलिक गुट पर बैन बढ़ा?
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने ‘जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (मोहम्मद यासीन मलिक गुट) को अगले पांच साल के लिए ‘गैरकानूनी एसोसिएशन’ घोषित कर दिया है। प्रतिबंधित संगठन जम्मू-कश्मीर में आतंक और अलगाववाद को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों में लगा हुआ था। राष्ट्र की सुरक्षा, संप्रभुता और अखंडता को चुनौती देने वाले किसी भी शख्स को कठोर कानूनी परिणाम भुगतने होंगे।

आतंक के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति
अमित शाह ने आगे कहा कि आतंकवाद के प्रति प्रधानमंत्री मोदी की जीरो-टॉलरेंस की नीति के तहत, गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर पीपुल्स लीग के चार गुटों को ‘गैरकानूनी संघ’ घोषित किया है। ये ग्रुप जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद भड़काने और अलगाववाद बढ़ाने में शामिल थे। इन चारों ग्रुप के नाम जेकेपीएल (अजीज शेख), जेकेपीएल (मुख्तार अहमद वाजा), जेकेपीएल (गुलाम मोहम्मद खान) और जेकेपीएल (बशीर अहमद टोटा) है। इसका नेतृत्व याकूब शेख के पास है।

यासीन मलिक?
जम्मू-कश्मीर लिब्रेशन फ्रंट के चीफ यासीन मलिक को दिल्ली की विशेष एनआईए अदालत 2017 में टेरर फंडिंग मामले में उम्रकैद की सजा सुना चुकी है। यासीन मलिक श्रीनगर का रहने वाला है। यासीन मलिक पर 4 एयरफोर्स जवानों के मर्डर समेत कई संगीन आरोप हैं। यासीन मलिक का नाम कश्मीर में हिंसा की कई साजिशों में आ चुका है। 1990 में कश्मीरी पंडितों के पलायन के जिम्मेदार लोगों में यासीन मलिक का भी नाम है।

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